बिहार की राजनीति फिर एक बार उस निर्णायक मोड़ पर है, जहां केवल नारे नहीं, बल्कि नैरेटिव तय करते हैं कि जनता किस पर भरोसा करेगी। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही जैसे पूरे राज्य की सियासत में बिजली दौड़ गई हो। 6 और 11 नवंबर को होने वाले दो चरणों के मतदान से पहले राजनीतिक गलियारों में सबसे …
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