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VIDEO : जो सोवत है वो खोवत है उठिए-उठिए स्नान करिए…घूम-घूम कर माइक से समझा रहे थे कमिश्नर

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में भगदड़ मचने से कई लोग हताहत हुए हैं। भगदड़ से पहले का एक वीडियो सामने आया है। इसमें कमिश्नर विजय विश्वास पंत रात में लोगों से जागने और स्नान करने की अपील करते नजर आ रहे हैं। साथ ही कहा था कि भगदड़ मच सकती है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

वायरल Video में महाकुंभ क्षेत्र के कमिश्नर विजय विश्वास पंत को माइक लेकर लोगों को जगाते हुए देखा जा सकता है। कमिश्नर ने श्रद्धालुओं से निवेदन करते हुए कहा था, “सभी श्रद्धालु सुन लें यहां लेटे रहने से कोई फायदा नहीं है। जो सोवत है वो खोवत है उठिए-उठिए स्नान करिए और ये आपके सुरक्षित रहने के लिए बहुत आवश्यक है। यहां बहुत लोग आएंगे और भगदड़ मचने की संभावना है। आप पहले आ गए हैं, आपको सबसे अमृत स्नान कर लेना चाहिए। सभी श्रद्धालुओं से करबद्ध निवेदन है कि उठकर स्नान कर लें।”

तीर्थराज प्रयाग की ओर जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश- विदेश से लोग महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। बुधवार (29 जनवरी, 2025) को मौनी अमावस्या के चलते करीब 7 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे। इसके लिए प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। लेकिन रात 1-2 बजे के बीच संगम नोज यानी जिस स्थान पर मां गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है, उस पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की संख्या अचानक से बढ़ गई।

लाखों लोग संगम पर स्नान करना चाहते थे। लेकिन भारी भीड़ के चलते स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो गईं और श्रद्धालुओं की धक्का-मुक्की के चलते भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। एक न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ नगर के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा है कि संगम तट पर बने चेजिंग रूम का गेट भीड़ के दबाव के चलते भीड़ के ही ऊपर गिर गया था। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई।

इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि महाकुंभ पर अमृत स्नान होने की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इसके कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। इस दौरान कुछ लोग बैरिकेड्स तोड़ आगे बढ़ने लगे। हर कोई संगम में स्नान करना चाहता था। इसलिए लोग तेजी से आगे की ओर बढ़े। इससे भी भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

हादसे की सूचना मिलने के तुंरत बाद प्रशासन हाई अलर्ट पर पहुंच गया था और ततालक 70 से अधिक एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंच गई थीं। इनके जरिए घायलों और मृतकों को हॉस्पिटल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया है। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है और प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।

फिलहाल प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में घायलों का इलाज चल रहा है। मीडिया सूत्रों ने कहा  मेडिकल कॉलेज के बाहर कई एंबुलेंस खड़ी हुई हैं। इसके अलावा, जिस जगह में भगदड़ हुई है, वहां सामान फैला हुआ है। घायलों और मृतकों की आधिकारिक संख्या की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है।

कुंभ मेला SSP राजेश द्विवेदी ने मेला क्षेत्र में भगदड़ की बात से इनकार किया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “कोई भगदड़ नहीं हुई है। अत्यधिक भीड़भाड़ थी जिसके कारण कुछ श्रद्धालु घायल हो गए। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। मेरी श्रद्धालुओं से अपील है कि जो घाट उनके लिए खुले हैं, वहां आराम से स्नान करें। अमृत स्नान जल्द ही शुरू होने वाला है और यह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगा। कई घाट विकसित किए गए हैं और लोग सुगमता से वहां स्नान कर रहे हैं।”

इस हादसे पर, प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं।”

अब भी लाखों लोग प्रयागराज की ओर जाने वाले रास्ते में हैं। इसके चलते सड़कों में भारी जाम जैसी स्थिति बन रही है। ना केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि प्रयागराज की ओर जाने वाले दूसरे प्रदेश की सड़कों की स्थिति भी एक जैसी है।

इसको लेकर मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित रीवा जिले में भारी भीड़ होने की स्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इसके अलावा, सतना जिले के चित्रकूट में भी जाम की खबर है। CM मोहन यादव ने लिखा, “प्रयागराज महाकुंभ: आज मौनी अमावस्या के महापर्व पर तीर्थराज प्रयाग में देश-विदेश से पधारे करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने पहुंच रहे हैं। स्नान पर्व को दृष्टिगत रखते हुए रीवा जिले अंतर्गत मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश की सीमा पर श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।”

 
 
 

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