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विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से नहीं हो पा रहा संपर्क, अं‎तिम दौर में पहुंचा ‎मिशन चंद्रयान-3 ‎

नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत का ‎‎मिशन चंद्रयान-3 अब अं‎‎तिम दौर में माना जा रहा हालां‎कि वैज्ञा‎निक लगातार विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से संपर्क करने का प्रयास कर रहे है। बीते माह ‎सिंतबर में कई बार इसरो के वैज्ञा‎निकों ने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से संपर्क करने की को‎शिश की थी ले‎किन सफलता नहीं ‎मिल पाई थी। अब चूं‎कि तीन-चार दिन के भीतर शिव शक्ति प्वाइंट पर अंधेरा छा जाएगा और संपर्क होने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी। माना जा रहा है ‎कि दो या तीन ‎दिन की अव‎धि में य‎दि संपर्क होता है तो ठीक है नहीं तो यह ‎‎मिशन का आ‎खिरी पड़ाव ही रहेगा। इसका मतलब यह नहीं है ‎कि चंद्रमा से जुड़ी जानकारी नहीं ‎मिलेगी। अभी चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल से इसरो की आस बनी रहेगी। प्रोपल्शन मॉड्यूल में इसरो के वैज्ञा‎निकों द्वारा शेप नाम का एक उपकरण लगाया गया है ‎जिससे अंतरिक्ष में छोटे ग्रहों के साथ-साथ एक्सोप्लैनेट्स की खोज चलती रहेगी।

चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल का काम शुरुआत में केवल विक्रम लैंडर को चांद की नजदीकी कक्षा में पहुंचाकर चांद का चक्कर लगाना था। प्रोपल्शन मॉड्यूल ने यह काम बेहद अच्छे से किया और अब इसरो प्रोपल्शन मॉड्यूल में लगे शेप का पूरा फायदा उठा रहा है। यह अभी कम से कम चार से पांच महीने तक काम करेगा। बता दें ‎कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लॉन्च किए गए चंद्रयान -3 मिशन ने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास सफलतापूर्वक उतरकर इतिहास रच दिया था।‎जिसके कारण भारत दु‎निया का पहले ऐसा देश बना ‎जिसने चांद की द‎क्षिणी ध्रुव में सफल लैं‎डिंग की।

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