लखनऊ, (हि.स.)। लखनऊ विकास प्राधिकरण के 179वीं बैठक में चार हजार ईडब्लूएस-एलआईजी फ्लैटों के कब्जेदारों के पक्ष में फैसला लिया गया। ईडब्लूएस और एलआईजी फ्लैटों में रहने वाले लोगों का सर्वे करा के अब उनके नाम पर रजिस्ट्री होगी।
प्राधिकरण की शुरुआती जांच में सामने आया है कि बहुत सारे लोगों ने ईडब्लूएस-एलआईजी फ्लैटों का आवंटन पाने के साथ ही दूसरे लोगों को वहां बसाया। इसमें समय से रजिस्ट्री भी नहीं हो सकी। बोर्ड की बैठक में फ्लैटों को मूल आवंटी के नाम से आवंटन को रद्द करने और मूल कब्जेदार या हकदार में पक्ष में आवंटन करते हुए रजिस्ट्री के निर्देश दे दिये है।
शहर में कानपुर रोड, सीतापुर रोड, मोती नगर, आजाद नगर, गोमती नगर, शारदा नगर, जानकीपुरम, जानकीपुरम विस्तार में इस तरह के मामले बहुत हैं, जहां मूल आवंटी नहीं रह रहे हैं। उनके स्थान पर दूसरे लोग रह रहे हैं। शायद मूल आवंटी द्वारा ईडब्लूएस-एलआईजी फ्लैटों प्राप्त किये जाने के बाद से उसे किराये पर उठाया गया है।
बैठक में उपस्थित रहे प्राधिकरण सचिव पवन कुमार गंगवार ने कहा कि बोर्ड की बैठक में जिन प्रकरणों में मोहर लगाई गई है उनमें शीघ्रता से आगे की कार्रवाई की जायेगी। जिसके लिए जोन स्तर पर टीमें घटित कर सर्वे कराया जायेगा। मूल हकदार, कब्जेदार के नाम रजिस्ट्री होगी।