काहिरा (ईएमएस)। वैज्ञानिकों ने मिस्र के पांचवें राजवंश के फिरौन सहुरा के पिरामिड के गुप्त कमरे खोजे हैं, जो इसके प्राचीन रहस्यों को उजागर कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि यह पिरामिड 4400 साल पहले फिरौन सहुरा के सम्मान में बनाया गया था। नई खुदाई से 8 स्टोरेज रूम का पता चला है, जिनके बारे में पहले कोई जानकारी नहीं थी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, वुर्जबर्ग के जूलियस मैक्सिमिलियंस यूनिवर्सिटीएट की एक टीम ने इन कमरों को खोजा है। उनकी जांच में कई स्टोरेज रूम्स का पता चला, जिनका पहले डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया गया था। डॉक्टर मोहम्मद इस्माइल खालिद इस टीम को लीड कर रहे थे। उनका कहना है कि, ‘यह खोज सहुरा पिरामिड और इसके एतिहासिक महत्व को समझने में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।’सहुरा का पिरामिड 26वीं से 25वीं शताब्दी ईसा पूर्व के अंत में सहुरा के लिए बनाया गया था, जो पांचवें राजवंश के दूसरे राजा और अबुसिर में दफनाए जाने वाले पहले राजा थे। सहुरा का शासनकाल शांति और समृद्धि के लिए जाना जाता था।
यह बताया जाता है कि सहुरा ने अपने पड़ोसी देशों के साथ व्यापार किया। उसने एक नौसेना भी बनाई थी और खदानें भी खोलीं।पिरामिड की खुदाई सबसे पहले 1836 में कर्नल हॉवर्ड वायस के अधीन काम करने वाले एक इंजीनियर जॉन पेरिंग ने की थी, इसके बाद 1907 में मिस्रविज्ञानी लुडविग बोरचर्ड ने इसकी और खोज की। 100 से अधिक सालों बाद अब वैज्ञानिकों ने एक बार फिर प्राचीन पिरामिड के अंदर कदम रखा है। डॉक्टर खालिद की टीम ने शुरुआत में पिरामिड की संरचना को स्थिर करने और इसे ढहने से रोकने का काम शुरू किया। इसके बाद वैज्ञानिकों ने 3डी लेजर स्कैनिंग का उपयोग करके पिरामिड के अंदर डिटेल्ड सर्वे किया।
इससे वे इस जगह के बाहरी क्षेत्रों और अंदर के गलियारों और कमरों का मैप बना पाए। जब वे इनके अंदर गए तो वहां का नजारा देख कर दंग रह गए। इन कमरों की छतें और फर्श ‘बुरी तरह क्षतिग्रस्त’ हैं, और यह साफ नहीं है कि वहां वास्तव में क्या स्टोर किया गया था।इस प्रक्रिया में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता तब हाथ लगी, जब उन्हें एक सीक्रेट रास्ते का पता चला, जो पहले से अनदेखे 8 स्टोर रूम तक जाता था। आखिरकार खुदाई करके वैज्ञानिकों ने ये सीक्रेट कमरे ढूंढ निकाले।