लखनऊ (हि.स.)। योगी सरकार उत्तर प्रदेश के पौने दो लाख से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों को स्मार्ट प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित करेगी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि बीते पांच साल में योगी सरकार 10 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों के भवनों का निर्माण करा चुकी है।
एक दिन पहले अयोध्या से प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में हॉट कुक्ड मील योजना का शुभारंभ करने के साथ ही मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के पौने दो लाख आंगनवाड़ी केंद्रों की दशा सुधारने का भी संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग पहले चरण में अगले दो साल में प्रदेश के 75 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों का कायाकल्प करेगा। वहीं राज्य के 1000 आंगनवाड़ी केंद्रों को मुख्यमंत्री बाल वाटिका योजना के रूप में विकसित करने की भी योजना है।
पांच साल में 10 हजार से अधिक केंद्रों का हुआ निर्माण
प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 1,04,235 आंगनवाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालयों के भवनों में संचालित हो रहे हैं। इसी प्रकार विभागीय भवनों में 44,011 केंद्र, 12,860 केंद्र किराये के भवनों में और 27,908 केंद्र सामुदायिक अथवा पंचायत भवनों में संचालित हो रहे हैं। हालांकि योगी सरकार ने बीते पांच साल में 850.72 करोड़ की लागत से 10,634 आंगनवाड़ी केंद्र भवनों का निर्माण कराया है।
मोदी-योगी ने कान्हा और यशोदा मइया कहकर बढ़ाया सम्मान
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंगनवाड़ी के बच्चों को कान्हा और यहां सेवाएं दे रहीं कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को यशोदा मइया कहकर उनका सम्मान बढ़ाया है। अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग की ओर से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में किराये के भवनों में सचालित हो रहे 11,550 आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण कराने के साथ ही विभागीय भवनों में संचालित 231 बाल विकास परियोजना कार्यालयों को भी अपग्रेड करने की तैयारी है। यही नहीं लगभग 1.26 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों के उपयोग के फर्नीचर भी उपलब्ध कराने को लेकर विभाग तैयारी कर रहा है।
कायाकल्प को लेकर तय किये गये हैं 18 इंडिकेटर्स
प्रवक्ता ने बताया कि विभाग की ओर से इसी वर्ष जुलाई माह में प्रदेश के 1,89,021 आंगनवाड़ी केंद्रो का बेसलाइन सर्वेक्षण कराया गया है। इसके बाद 26 जनवरी 2024 तक प्रदेश के हर जनपद के 100-100 आंगनवाड़ी केंद्रों (कुल 7500) का कायाकल्प किया जाएगा। ये अभियान यहीं नहीं रुकेगा, मुख्यमंत्री की मंशा है कि 15 अगस्त 2025 तक प्रदेश के 75 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों का पूरी तरह से कायाकल्प करते हुए उन्हें स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूलों की तर्ज पर विकास किया जाए। कायाकल्प अभियान का लक्ष्य प्रदेश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को स्मार्ट रूप देने का है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों के कायाकल्प को लेकर 18 इंडिकेटर्स तय किये हैं। इनके अनुरूप ही केंद्रों का कायाकल्प किया जाएगा।
इन इंडिकेटर्स पर आंगनवाड़ी केंद्रों का होगा कायाकल्प
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार जिन 18 इंडिकेटर्स पर आंगनवाड़ी केंद्रों का कायाकल्प करने की योजना है, उनमें (1) कक्षा कक्ष में ब्लैक एवं ग्रीन बोर्ड, (2) सेंटर में रंगाई पुताई एवं वॉल पेंटिंग, (3) सुरक्षित एवं स्वच्छ पेयजल, (4) रसोई घर में सिंक के साथ नल जल, (5) ओवरहेड टैंक के साथ नल जल की व्यवस्था, (6) शौचालयों एवं मूत्रालयों में नल जल की आपूर्ति, (7) रेलिंग युक्त रैंप, (8) केंद्र की फर्श पर टाईलीकरण, (9) शौचालयों एवं मूत्रालयों में टाईलीकरण, (10) गेट के साथ बाउंड्री वॉल, (11) मल्टीपल हैंड वाशिंग यूनिट, (12) क्रियाशील बाल मैत्रिक शौचालय, (13) क्रियाशील बाल मैत्रिक मूत्रालय, (14) क्रियाशील महिला शौचालय, (15) दिव्यांग मैत्रिक शौचालय, (16) विद्युत संयोजन एवं आपूर्ति, (17) विद्युत सुरक्षित वायरिंग के साथ लाइट एवं पंखे, और (18) फर्नीचर में लो लाइंग डेस्क एवं बेंच शामिल हैं।