उत्तराखंड, हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में जहां बारिश और लैंडस्लाइड से काफी तबाही हुई। वहीं मैदानों में मानसून रूठ सा गया है। इसकी वजह अल-नीनो है। वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि अगस्त के बाद अब सितंबर में भी बारिश सामान्य से कम रहने के आसार बन रहे हैं।
इसका मतलब है कि ये मानसून सीजन (30 सितंबर तक) सामान्य कम बारिश के साथ खत्म होगा। औसतन 94% से 106% बारिश को सामान्य श्रेणी में माना जाता है।
ब्रिटेन की रीडिंग यूनिवर्सिटी के क्लाइमेट साइंटिस्ट डॉ. अक्षय देवरस ने अलग-अलग मौसमी मॉडल के ट्रेंड के आधार पर अनुमान लगाया है कि सितंबर में भारत के 36 मौसमी सब-डिवीजन में से 32 सब-डिवीजन में सामान्य से कम यानी 94% या उससे भी कम बारिश होगी। मात्रा के हिसाब से यह सितंबर में सामान्य से 20 मिमी कम रहेगी।
अगस्त में अब तक की बारिश 32% कम
भारतीय मौसम विभाग भी अगले हफ्ते सितंबर के लिए अपना पूर्वानुमान जारी करने वाला है। हालांकि आईएमडी ने जुलाई के आखिर में मिड-मानसून पूर्वानुमान में अगस्त-सितंबर में सामान्य से कम बारिश की आशंका जताई थी।
देवरस के मुताबिक, यह अल-नीनो का असर है। यहां तक कि पश्चिम से आने वाले विक्षोभ भी बारिश नहीं ला रहे। अफगानिस्तान व पाकिस्तान की ओर से गर्म हवाएं आ रही हैं जिससे कम से कम सितंबर के शुरुआती 15 दिनों में उत्तरी, पश्चिमी व मध्य भारत में सामान्य बारिश की संभावना घटी है।
अगस्त में अब तक की बारिश 32% कम है, जिससे पूरे मानसून सीजन की बारिश में 7% की कमी हो चुकी है। ऐसे में सितंबर में भी बारिश की कमी मानसून को सामान्य स्थिति में खत्म नहीं होने देगी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन का कहना है कि अल-नीनो के चलते सितंबर महीने के दौरान 10% बारिश की कमी की 87% आंशका है, जबकि 20% कमी की 47% है।