नई दिल्ली(ईएमएस)। विश्वकर्मा पूजा सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। विश्वकर्मा जयंती हर साल भाद्रपद के महीने में मनाई जाती है। विश्वकर्मा जी को संसार का पहला शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर माना गया है। भगवान विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस साल कन्या संक्रांति 16 सितंबर को पड़ रही है।
भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार में तरक्की होती है और निर्माण कार्य में होने वाली समस्या से भी छुटकारा मिलता है। इस साल 16 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाएगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। साथ ही रवि योग भी बन रहा है। अभिजीत मुहूर्त में विश्वकर्मा जी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
विश्वकर्मा जी को संसार का पहला शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर माना गया है। हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का बहुत खास महत्व है। माना जाता है कि इस दिन विश्वकर्मा जी की पूजा करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही व्यापार में उन्नति और सफलता मिलती है। विश्वकर्मा पूजा के दिन अपने काम से जुड़े उपकरणों की अच्छे से साफ-सफाई करें। फिर एक चौकी पर विश्वकर्मा जी की मूर्ति स्थापित करें। अब उन्हें हल्दी, चंदन, अक्षत और फूल अर्पित करें। इसके बाद विश्वकर्मा जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। अंत में विश्वकर्मा जी की आरती करें और मशीनों और वाहनों की पूजा करें।