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Uttarkashi Tunnel: न मशीनें रुक रहीं, न हाथ, फिर क्यों लग रहा इतना वक्त, रेस्क्यू ऑपरेशन में कल क्या हुआ कि बाहर नहीं आ सके 41 मजदूर


देहरादून। उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुंरग में फंसे 41 श्रमिकों ने जीवन की आस में गुरुवार को अपनी 12वीं रात भी सुरंग में काटी। कंपन के चलते ऑगर मशीन का बेस हिल जाने से ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है। बेस मजबूत करने के बाद फिर से ड्रिलिंग शुरू की जाएगी। माना जा रहा है कि शुक्रवार को सभी श्रमिक सकुशल सुरंग से बाहर निकाल लिये जाएंगे।
दीपावली के दिन सिल्क्यारा सुंरग में भूस्खलन होने की वजह से 41 श्रमिक अंदरूनी हिस्से में फंस गए थे। तब से इन श्रमिकों को बचाने के लिये केंद्र व राज्य सरकार की 19 एजेंसियों समेत विदेश के कई विशेषज्ञ युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। सुरंग के मुख्य मुहाने में ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की जा रही है, जबकि बड़कोट की तरफ से भी ड्रिलिंग कर श्रमिकों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। सुंरग के ऊपर हिस्से से भी ड्रिलिंग का कार्य चल रहा है।

बुधवार रात 12 बजे तक सुरंग के मुख्य मुहाने पर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की गई, लेकिन मलबे में मौजूद सरिया मशीन में फंस गई, जिससे ड्रिलिंग रुक गई। श्रमिक प्रदीप यादव व बलविंदर ने पाइप में घुसकर सरिया को काटा। गुरुवार सुबह दिल्ली से पार्ट मंगाने के बाद मशीन दुरुस्त की गई और फिर से ड्रिलिंग शुरू की गई, लेकिन कंपन अधिक होने से मशीन का बेस हिलने की वजह से एक बार फिर ड्रिलिंग को रोकना पड़ा।

श्रमिकों से महज छह मीटर की दूरी
रेस्क्यू अभियान लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सिल्क्यारा सुरंग में ऑगर मशीन से चल रही ड्रिलिंग ने 54 मीटर तक सफर पूरा कर लिया है। अब सुरंग में फंसे श्रमिकों से महज छह मीटर की दूरी रह गई है। यानि अब ड्रिल कर सिर्फ एक पाइप लगाना बाकी है। इस पाइप के लग जाने से सभी श्रमिकों को पाइप के माध्यम से सकुशल बारह निकाल लिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीमें सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए 24 घंटे काम कर रही हैं।

 

एंबुलेंस और हैलीकॉप्टर अलर्ट
सिल्क्यारा सुरंग के बाहर एक अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। जबकि 30 एंबुलेंस और एक हैलीकॉप्टर को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जिससे जरूरत पड़ने पर श्रमिकों को एयरलिफ्ट कर एम्स पहुंचाया जा सके। साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश सहित आसपास के सभी अस्पतालों में श्रमिकों को चिकित्सकीय सुविधा के लिए तैयार कर लिया गया है।

पल-पल का अपडेट ले रहे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिये युद्धस्तर पर जारी रेस्क्यू अभियान का पल-पल का अपटेड ले रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से अवगत कराया। पीएम मोदी ने कहा कि श्रमिकों की सकुशल वापसी सरकार की प्राथमिकता है।

सीएम धामी ने की श्रमिकों से बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग में फंसे मजदूरों से ऑडियो कम्युनिकेशन सिस्टम से बात की और उन्हें सकुशल बाहर निकालने का भरोसा दिया। धामी ने श्रमिकों का हौसला भी बढ़ाया।

सीएम ने श्रमिकों के स्वास्थ्य का हाल पूछते हुए कहा कि बस अब कुछ देर और अपना हौसला बनए रखें। किसी भी तरह की चिंता न करें।

केंद्रीय मंत्री और धामी ने समीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह ने गुरुवार को सिलक्यारा में रेस्क्यू ऑपरेशन का जायज़ा लेने के उपरांत राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।

अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी एजेंसी आपसी समन्वय के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटे रहें। हम सब का यह प्रयास हो कि फंसे श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए। फंसे श्रमिकों को निकालने हेतु हर संभव प्रयास करें।

अस्थायी कैंप कार्यालय स्थापित
मुख्यमंत्री का अस्थाई शिविर (कैम्प) कार्यालय भी मातली में स्थापित कर दिया गया है। अब वह रेस्क्यू पूरा होने तक मुख्यमंत्री धामी यहीं पर रहेंगे। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान शासकीय कार्य भी प्रभावित न हों और इस ऑपेरशन की बेहतर तरह से मॉनिटरिंग के मद्देनजर यह अस्थाई कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है।

चुनौतीपूर्ण है काम: हसनैन
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि यह काम चुनौतीपूर्ण है। उम्मीद है कि अगले दो घंटों में सभी श्रमिक खुली हवा में सांस लेंगे। हम सुरंग में फंसे श्रमिकों और रेस्क्यू टीम के सदस्यों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रख रहे हैं।

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