यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी 𝐔𝐏𝐒𝐂 ने लैटरल एंट्री के जरिए सीधे 𝟒𝟓 संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर की नौकरियां निकाली है। इस रिक्रूटमेंट ड्राइव के जरिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सीधी भर्ती की जाएगी। इसके लिए एप्लिकेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इच्छुक व योग्य कैंडिडेट्स 17 सितंबर, 2024 तक ऑफिशियल वेबासइट upsconline.nic.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।
विपक्ष ने लैटरल एंट्री पर सवाल उठाया
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘इनमें किसी भी प्रकार के आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अगर 𝐔𝐏𝐒𝐂 यही भर्ती सिविल सर्विस परीक्षा के जरिए करती उसे 𝐒𝐂, S𝐓 और 𝐎𝐁𝐂 को आरक्षण देना पड़ता। यानी 𝟒𝟓 में से 𝟐𝟐-𝟐𝟑 अभ्यर्थी दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से चयनित होते। ‘
लैटरल एंट्री के लिए क्या है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
यह सरकारी नौकरी तीन सालों के लिए कॉन्ट्रेक्ट बेस पर होगी। जॉइंट सेक्रेटरी पद पर 15 साल, डायरेक्टर के लिए 10 साल और डिप्टी सेक्रेटरी के लिए 7 साल का वर्क एक्सपीरियंस मांगr गया है। वहीं, पदों के हिसाब से एजुकेशनल क्वालिफिकेशन भी निर्धारित की गई है। इसकी डिटेल्स कैंडिडेट्स ऑफिशियल नोटिफिकेशन से चेक कर सकते हैं।
ऑफिशियल नोटिफिकेशन चेक करने का लिंक
इसके लिए राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश में इनसे समकक्ष पदों पर सरकारी नौकरी करने वाले अफसर आवेदन कर सकते हैं। इनके अलावा PSU, स्वायत्त निकायों (Autonomous Bodies), सैचुरेटरी ऑर्गनाइजेशन्स, यूनिवर्सिटी, मान्यता प्राप्त रिसर्च इंस्टीट्यूट, प्राइवेट कंपनी, मल्टी नेशनल कंपनियों में कार्यरत लोग भी इन पदों के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
सिविल सर्वेंट ऑफिसर्स को लंबा कार्यकाल पूरा करने के बाद बनते हैं ज्वाइंट सेक्रेटरी
सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर करने और बतौर सिविल सर्वेंट ऑफिसर लंबा कार्यकाल पूरा करने के बाद ज्वाइंट सेक्रेटरी बनने का मौका मिलता है। लैटरल एंट्री के जरिए आप बिना किसी एग्जाम के सीधे इस पद पर नौकरी पा सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर्स के एक्सपर्ट्स के लिए तो यह बेहतरीन मौका है।