कानपुर (हि.स.)। बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं से उत्तर प्रदेश में सुबह व शाम बराबर घना कोहरा बना हुआ है। हालांकि धूप निकलने से लोगों को थोड़ी बहुत राहत मिलती है लेकिन बुधवार को हवाओं की दिशाएं बदल गई। ऐसे में पछुआ हवाओं के चलने से न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट होगी और गलन बढ़ जाएगी।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एस. एन. सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि पश्चिमी विक्षोभ को चक्रवाती परिसंचरण के रूप में हरियाणा देखा जा रहा है।
मध्य क्षोभमंडलीय में पछुआ हवाओं का एक ट्रफ ऊंचाई पर है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है, जो अक्षांश 28 डिग्री उत्तर में, 75 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ मोटे तौर पर चल रही है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्वी मध्य अरब सागर पर बना हुआ है।
इस चक्रवाती परिसंचरण से पूर्वोत्तर अरब सागर और दक्षिण गुजरात तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है। एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर है। देश भर में बनी मौसम की इन गतिविधियों के कारण उत्तर प्रदेश में सिहरन भरी सर्दी फिलहाल कम नहीं होगी। पछुआ हवाओं के चलने से न्यूनतम तापमान में और कमी आएगी जिससे गलन लोगों को परेशान करेगी।
उन्होंने बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 17.4 और न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 97 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 66 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रही जिनकी औसत गति 3.2 किमी प्रति घंटा रही।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने के कारण प्रातःकाल एवं रात्रि के समय शीत लहर/घने कोहरा छाये रहने के आसार है। धूप तेज चमकदार निकलने के साथ उत्तर पश्चिमी सर्द हवाओं का कानपुर मण्डल सहित गंगा के मैदानी भागों में आना जारी रहेगा जिससे सर्दी भी बनी रहेगी और रात का तापमान भी गिर सकता है।