देश के कई हिस्सों में मानसून विदाई से पहले अपना कोटा पूरा कर रहा है। दिल्ली से केरल और अरुणाचल से मध्यप्रदेश तक भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने 10 सितंबर को उत्तर प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, मेघायल सहित 17 राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
मध्यप्रदेश के 25 जिलों में, जबकि केरल के 14 जिलों में रविवार को भारी बारिश की संभावना है। छह जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। केरल में सोमवार को जोरदार बारिश की संभावना है। अगले पांच दिनों तक मध्यम दर्जे की बरसात जारी रहेगी।
मौसम विभाग के अनुसार, अभी भी कुछ राज्यों में कम बारिश हुई है। देश में 1 जून से 9 सितंबर के बीच औसत 760.6 मिलिमीटर बारिश होती है, जबकि इस साल 684.6 मिलिमीटर बारिश ही हुई है। यानी इस सीजन में अब तक 76 मिलिमीटर कम बारिश दर्ज की गई है।
बिहार में 843.8 मिमी की तुलना में सिर्फ 619.7 मिमी, झारखंड में 873.8 मिमी की जगह सिर्फ 595.3 मिमी बारिश हुई है। केरल में 1837.1 मिमी बारिश होती है, लेकिन 1048.7 मिमी हुई है।
हालांकि, राहत की बात यह है कि 14 सितंबर को ओडिशा के पास कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इसके बाद तेज बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है। इससे अगस्त में कम बारिश की भरपाई होने की संभावना है।
UP की 51 जिलों में बारिश का अलर्ट: 24 घंटे में 119% ज्यादा बरसा पानी
मौसम विभाग ने बताया कि आज 25 जिलों में भारी बारिश होगी, जबकि 26 जिलों में मध्यम बारिश होने के आसार हैं। मानसून ट्रफ मध्य प्रदेश से होकर गुजर रहा है, ऐसे में आज यूपी के पश्चिमी और पूर्वी दोनों तरफ भारी बारिश होगी।
मध्यप्रदेश के 17 जिलों में बारिश का अलर्ट: भोपाल, नर्मदापुरम-रीवा में तेज बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार भोपाल, शाजापुर, देवास, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, विदिशा, गुना, शिवपुरी, मुरैना, दतिया, भिंड, टीकमगढ़, सतना, रीवा, शहडोल और अनूपपुर में मध्यम से भारी हो सकती है। अगले 24 घंटे में यहां 2 से 4 इंच तक पानी गिर सकता है।
छत्तीसगढ़ में सामान्य से 18% कम बारिश: प्रदेश के कई हिस्सों में आज हल्की बरसात की संभावना
प्रदेश में बीते कुछ दिनों तक बरसने के बाद बादल फिर थम गए और धूप निकल गई है। प्रदेश के तापमान में कुछ दिनों तक विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है, लेकिन धमतरी जिले का तापमान लगातार बढ़ रहा है। आज भी मौसम का यही हाल रहेगा। सरगुजा संभाग में कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना है।
अगस्त में बेहद कम बारिश की क्या वजहें हैं?
मौसम वैज्ञानिक अगस्त में कम बारिश के कुछ तात्कालिक कारण बताते हैं- मसलन बंगाल की खाड़ी में स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं बना, मानसून ट्रफ लाइन का एक सिरा हिमालय की तराई में चला गया। इसके अलावा इस तरह के हालात के पीछे अल-नीनो का सक्रिय होना बताया जा रहा है। जब-जब अलनीनो सक्रिय होता है, तब-तब भारत में मानसून कमजोर पड़ जाता है। इसकी वजह से देश के कई राज्यों में सूखा पड़ जाता है।
पिछले 65 सालों में 14 बार अल-नीनो प्रशांत महासागर में सक्रिय हुआ है। इनमें 9 बार भारत में बड़े स्तर पर सूखा पड़ा। वहीं, 5 बार सूखा तो पड़ा, लेकिन इसका असर हल्का रहा। मेट्रोलॉजी एंड क्लाइमेट चेंज स्काईमेट के प्रेसिडेंट जी.पी. शर्मा ने इस बात की संभावना जताई है कि 2023 में 1991 जैसी परिस्थिति बन सकती है। दरअसल, सामान्य से अगर 10 फीसदी कम बारिश होती है तो मौसम विज्ञान की परिभाषा में उसे माइल्ड ड्राउट या मध्यम सूखा वर्ष कहते हैं।