पौराणिक मान्यता है कि ऊँकार स्वंय यहां श्री आदि गणेश रूप में मूर्तिमान होकर हुए थे स्थापित ब्रह्मा जी ने श्री आदि गणेश के पूजन के बाद ही किया था सृष्टि का प्रथम यज्ञ 16वीं सदी में राजा टोडरमल ने कराई थी मूर्ति की पुनर्स्थापना और मंदिर का जीर्णोद्धार महाकुम्भनगर, …
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