हर महीने की शुरुआत में कई बड़े बदलाव होते है। इस वर्ष का आठवां महीना यानी सितंबर आज शुरू हो गया है। सितंबर की पहली तारीख से कई नियमों में बदलाव हुआ है। इनका सीधा असर आपके जेब पर पड़ने वाला है। आज से हाईवे पर सफर करने को लेकर जमीन खरीदने तक सब कुछ हो गया है फिर से महंगा। इसके अलावा भी कई बदलाव किए गए हैं। सितंबर महीने के पहले दिन से ही आपकी जेब पर बोझ बढ़ने वाला है। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण काम को पूरा करने के लिए डेडलाइन भी इस महीने खत्म होने वाली है। तो चलिए जान लीजिए सितंबर से कौन-कौन से नियम बदल रहे हैं।
LPG सिलेंडर की कीमतें
पेट्रोलियम कंपनी हर महीने की पहली तारीख को गैस की कीमतों में बदलाव किया करती है। इस बार कंपनियों ने ग्राहकों को राहत दी है। घरेलू एलपीजी सिलेंडर के बाद सरकार ने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती की है। 19 किलो एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 158 रुपए की कटौती की गई है। इसके बाद दिल्ली में इस सिलेंडर की कीमत 1522 रुपए रह गई है। इससे पहले उज्जवला स्कीम के तहत आने वाले उपभोक्ताओं के लिए सरकार ने घरेलू रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपए की कटौती का ऐलान किया है।
म्युचुअल फंड के नियम में बदलाव
SEBI ने म्यूचुअल फंड योजनाओं की डारेक्ट स्कीम के लिए केवल एक्सक्यूशन प्लेटफॉर्म के लिए एक नियामक ढांचा पेश किया है। यह नियम 1 सितंबर से लागू हो गया है। नए नियम निवेशकों के लिए केवल एक्सक्यूशन प्लेटफॉर्म (ईओपी) के साथ-साथ उचित निवेशक सुरक्षा तंत्र के माध्यम से निवेश करना सुविधाजनक बनेगा।
क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव
एक्सिस बैंक की वेबसाइट के अनुसार, एक सितंबर से मैग्नस क्रेडिट कार्ड रखने वाले यूजर्स के लिए नया नियम लेकर आए है। कुछ ट्रांजेक्शन पर अब मैग्नस क्रेडिट कार्ड रखने वालों को डिस्काउंट नहीं दिया जाएगा।
एटीएफ प्राइस में इजाफा
एक सितंबर से जेट फ्यूल प्राइस यानी एटीएफ के प्राइस में बदलाव हो गया है। आज से जेट फ्यूल नई दिल्ली में 1,12,419.33 रुपए हो चुका है, जो पहले 98,508.26 रुपए प्रति किलो लीटर थे। यानी इसकी की कीमत में 13,911.07 रुपए प्रति किलो लीटर की बढ़ोतरी की गई हैं
ज्यादा मिलेगी टेक होम सैलरी
आयकर विभाग की ओर से रेंट फ्री अकोमोडेशन के नियम में बदलाव हुआ है। इसके तहत ज्यादा वेतन पाने वाले और नियोक्ता की ओर से मिलने रेंट फ्री में रहने वाले कर्मचारी अब और ज्यादा बचत करने का मौका मिलेगा। इस नियम के तहत सैलरी में टैक्स की कटौती कम होगी और कर्मचारियों को ज्यादा टेक होम सैलरी मिलेगी। यह नियम एक सितंबर से लागू हो गया है।