Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध के बीच दुनियाभर की महाशक्तियों ने मिडिल ईस्ट की घेराबंदी शुरू कर दी है। सबसे पहले अमेरिका ने अपने युद्धपोतों और जवानों की तैनाती करनी शुरू की, फिर चीन ने अपने 6 युद्धपोत मिडिल ईस्ट भेजे और अब इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया की भी एंट्री होने वाली है। ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वो अपने दो मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और जवानों की तैनाती मिडिल ईस्ट में करने जा रहा है। आपको बता दें कि मिडिल ईस्ट में दुनियाभर के ताकतवर देशों का जमावड़ा एक बड़े ‘महायुद्ध’ की ओर संकेत देने लगा है।
समंदर से लेकर आसमान तक में दुनिया की महाशक्तियों का पहरा
अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने खतरनाक टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) सिस्टम को तैनात किया है। ये अमेरिका का सबसे मॉडर्न मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जो मीलों दूर से आ रही मिसाइल का पता लगाने में सक्षम होगी। इसके अलावा पैट्रियट एक लंबी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है, जो बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को मारने में सक्षम है। मानव रहित रडार, मिसाइल लॉन्चर से लैस है। इस मिसाइल को अमेरिका ने 1982 में सेना में कमीशन किया था। इसके बाद साल 1991 में पहली बार इसका इस्तेमाल हुआ था।
भूमध्यसागर में अमेरिका तो रूस ने काला सागर में तैनात किए पोत
अमेरिका ने पूर्वी भूमध्यसागर में विमानवाहक पोत यूएसएस ड्वाइट डी. आइजनहावर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, जेराल्ड फोर्स, एक क्रूजर और 4 विध्वंसक जहाजों को तैनात किया है। इस तैनाती को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बयान दिया था कि अमेरिका के दो विमान वाहक पोतों की तैनाती के बाद अब रूस ने भी किंजल हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ रूसी विमानों को काला सागर में तैनात करने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, ब्रिटेन ने भी पूर्वी भूमध्यसागर में जासूसी विमान, दो युद्धपोत, 3 मर्लिन हेलीकॉप्टर और 100 रॉयल मरीन कमांडों की कंपनी भेजने का आदेश दिया था। ब्रिटेन ने अपने एक बयान में कहा था कि ये सब स्टैंडबाय मोड में रहेंगे और इजरायल को जरूरत पड़ते ही जमीन पर उतार दिए जाएंगे। वहीं, चीन ने मिडिल ईस्ट में अपने 6 युद्धपोतों की तैनाती की है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने मिडिल ईस्ट में अपने युद्धपोतों की तैनाती अरब देशों को समर्थन देने के उद्देश्य से की है।
अब ऑस्ट्रेलिया भी मिडिल ईस्ट में उतार रहा है अपने जवान
ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स का कहना है कि मिडिल ईस्ट में बड़ी संख्या में सैनिक भेजे जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने संख्या बताने से इनकार कर दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि जवानों के साथ-साथ दो C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान भी मिडिल ईस्ट में तैनात किए जा रहे हैं। मार्ल्स ने एक पब्लिक ब्रॉडकास्टर एबीसी से बात करते हुए कहा कि जवानों की तैनाती विशेष रूस से मिडिल ईस्ट में फंसे ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को सपोर्ट देने के लिए की जा रही है।
आपको बता दें कि मिडिल ईस्ट में दुनिया की महाशक्तियों का जमावड़ा खतरे की घंटी की तरह महसूस किया जा रहा है। एक तरफ अमेरिका अपने जवानों की तैनाती बढ़ा रहा है तो रूस और चीन को लेकर ये भी साफ है कि वो इस युद्ध में अमेरिका के खिलाफ ही खड़े रहेंगे। ऐसे में देखना ये है कि अब ये युद्ध कौन-सा मोड़ लेता है।