वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में चल रहे एएसआई सर्वे का आज चौथा दिन है. 24 जुलाई को हुए सर्वे के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सर्वे की कार्यवाही को शुरू हुए 5 दिन हो चुके हैं. इस दौरान रविवार को हुए सर्वे में एएसआई की टीम ने महत्वपूर्ण कार्य करते हुए परिसर में स्थित मुख्य भवन और हॉल के साथ ही व्यास जी के तहखाने की बारीकी से जांच पड़ताल की. इसके अलावा मस्जिद के गुंबद के नीचे क्या है, इसकी सत्यता जानने की कोशिश भी की गई.
ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की टीम कहीं से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है. हर हिस्से पर एएसआई की टीम द्वारा फोटोग्राफी करवाने के साथ वीडियोग्राफी करने का काम किया जा रहा है. टीम में ड्राफ्टमैन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. वाराणसी में जिला अध्यक्ष के आदेश पर 24 जुलाई को सबसे पहले एएसआई की टीम ने सर्वे की शुरुआत की थी. इसमें ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम जीपीएस से पूरे परिसर का डिजिटल मैप भी तैयार किया गया था. इसके बाद लगातार एएसआई की टीम डिजिटल तरीके से मैपिंग का काम 3D तकनीक के जरिए भी कर रही है.
सूत्रों ने बताया कि इस तकनीक का प्रयोग करने के लिए खास तौर पर एक एंटीना काशी विश्वनाथ धाम में मौजूद ऊंची इमारत पर लगाया गया था और नीचे मौजूद छड़ीनुमा मशीनों से इसे जोड़कर सीधे मिल रहे सिग्नल के जरिए एक बड़े से लैपटॉप पर पूरे परिसर की 3D इमेज तैयार करने का काम किया गया था. पूरे क्षेत्र की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई दर्ज करने का कम इन तीन दिनों के अंदर किया गया है. सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ड्राफ्टमैन निभा रहे हैं. पूरे परिसर का एक दस्तावेज तैयार कर रहे हैं. परिसर में मौजूद साक्ष की कितनी लंबाई है, इनकी चौड़ाई कितनी है और आकार में यह कितने बड़े और छोटे हैं, यह सारी डिटेल ड्राफ्ट में अपने रजिस्टर में मेंटेन कर रहे हैं. गुंबद की जांच के लिए पहुंची टीम ने कल गुंबद और उसके नीचे मौजूद हिस्से की जांच भी की. जिसे हिंदू पक्ष बार-बार शिकार बता रहा है
हिंदू पक्ष का कहना है कि गुंबद के नीचे मंदिर की तीन शिखर मौजूद हैं. इसके ऊपर ही गुंबद का निर्माण किया गया है. इसे ठोकने पर थपथप की आवाज भी आती है. इस वजह से एएसआई की टीम मशीनों के जरिए इसके नीचे की सत्यता जानने की कोशिश कर रही है. सर्वे में 42 सदस्य हैं. हर हिस्से की जांच करने के लिए अलग-अलग हिस्सों में इन सदस्यों को टीम के रूप में बांटा गया है. कुल 4 टीमें बनाई गई हैं, जो अलग-अलग हिस्सों की जांच कर रही हैं. इस टीम में अधिकतर वह लोग शामिल हैं, जो पहले राम जन्मभूमि पर एएसआई सर्वे के दौरान मौजूद रहे हैं. जिसको लीड असिस्टेंट डायरेक्टर एएसआई आलोक त्रिपाठी कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त कानपुर आईआईटी और बीएचयू आईआईटी से जुड़े एक्सपर्ट भी इस टीम में मौजूद हैं.