नई दिल्ली । शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने सोमवार को प्रयागराज महाकुंभ-2025 के अवसर पर ‘ज्ञान महाकुंभ-2081’ के आयोजन की घोषणा की। यह आयोजन 10 जनवरी से 10 फरवरी तक चलेगा। ज्ञान महाकुंभ का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और भारतीय ज्ञान परंपरा के शिक्षा में समावेश को गति देना है। ज्ञान महाकुंभ में शिक्षा जगत के छात्र, आचार्य, शिक्षाविद्, शोधार्थी और सरकारी अधिकारी एकसाथ मिलकर देश की शिक्षा में बदलाव के लिए चिंतन करेंगे।
डॉ. कोठारी ने दिल्ली के एआईयू भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 10 जनवरी को ज्ञान महाकुंभ का उद्घाटन समारोह होगा। 31 जनवरी को हरित महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। एक फरवरी को “देश का नाम: भारत” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी और 7 से 9 फरवरी तक “भारतीय शिक्षा: राष्ट्रीय संकल्पना” विषय पर विशाल सम्मेलन होगा। इसके अलावा शैक्षिक प्रदर्शनियां, साहित्य विमर्श और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी महाकुंभ का हिस्सा होंगे।
उन्हाेंने बताया कि ज्ञान महाकुंभ के मुख्य संरक्षक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। ज्ञान महाकुंभ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, विभिन्न राज्यों के शिक्षामंत्री एवं केंद्रीय शिक्षा संस्थानों के पदाधिकारी, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, तकनीकी एवं व्यवसायिक संस्थानों के निदेशक आदि सहभागी होंगे। इस ज्ञान महाकुंभ में देश की शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन करते हुए भारत केंद्रित शिक्षा की स्थापना का संकल्प लेकर अपने-अपने स्तर पर एवं संयुक्त रूप से और राज्यों में एवं देशव्यापी अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
कोठारी ने बताया कि इस ज्ञान महाकुंभ के पहले शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने हरिद्वार, नालंदा, पुडुचेरी और अहमदाबाद में भी ज्ञानकुंभ का आयोजन किया गया था, जिनमें देशभर के शिक्षा जगत से हजारों लोग शामिल हुए थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिक्षा उत्थान न्यास की अध्यक्ष डाॅ. पंकज मित्तल ने महाकुम्भ की महत्ता और महाकुम्भ में क्राउड मैनेजमेंट पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके साथ ही संयाेजक संजय स्वामी ने भी ज्ञान महाकुम्भ के संदर्भ में जानकारी दी।