भारतीय रेल ने महाकुम्भ तैयारियों के लिए 2 वर्षों में 5000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए : अश्विनी वैष्णव
-केंद्रीय रेल मंत्री ने महाकुम्भ की तैयारियों का किया अवलोकन-
सुगम रेल परिचालन के लिए 21 रोड ओवर ब्रिजों और रोड अंडर ब्रिजों का किया गया निर्माण-
प्रयागराज। केंद्रीय मंत्री, रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी अश्विनी वैष्णव ने प्रयागराज क्षेत्र में महाकुम्भ के लिए की जा रही तैयारियों का अवलोकन किया। उन्होंने सबसे पहले झूंसी रेलवे स्टेशन पर चल रहे विकास कार्यों एवं महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण किया। तत्पश्चात झूंसी स्टेशन के निकट गंगा नदी पर प्रयागराज-वाराणसी रेल मार्ग दोहरीकरण कार्य के अंतर्गत बने नए ब्रिज 111 का निरीक्षण किया।
केंद्रीय रेल मंत्री ने प्रयाग जं. स्टेशन का भी निरीक्षण किया और महाकुम्भ की तैयारियों को परखा। इसके साथ मेला के दौरान रेलवे द्वारा निर्धारित की जाने वाली अन्य विशेष तथा वैकल्पिक व्यवस्थाओं से भी अवगत हुए। इसके अतिरिक्त उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से यात्री एवं भीड़ प्रबंधन की नीतियों एवं मेला के सुगम और सुचारु रूप से संचालन करने की दिशा में किए जाने वाले अन्य प्रयासों के विषय में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान रेलमंत्री ने फाफामऊ जं से प्रयाग जं तथा प्रयाग जं से प्रयागराज जं. तक विंडो ट्रेलिंग करते हुए रेलपथ की संरक्षा की जानकारी भी प्राप्त की तथा इन दोनों स्टेशनों पर उपस्थित जन प्रतिनिधियों तथा स्थानीय नागरिकों से भेंट की।
उल्लेखनीय है कि प्रयागराज जंक्शन को स्टेशन पुनर्विकास योजना के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री ने प्रयागराज जंक्शन पर यात्री आश्रय का निरीक्षण कर आश्रय के बाहर टिकट काउंटर, कलर कोडिंग और उपलब्ध साइनेज का जायजा लिया। उन्होंने यात्री आश्रय में खानपान, प्रकाश, पेयजल, चिकत्सा बूथ, जन सुविधाएं, सुरक्षा व्यवस्था को देखा। महाकुम्भ के दौरान स्टेशन पर यात्रियों के प्रवेश और निकास योजना पर जानकारी के साथ स्टेशन पर यात्रियों को दिशावार यात्रानुसार गेट से प्रवेश से लेकर गाड़ी तक भेजने की व्यवस्था सहित और अन्य विभागों से समन्वय की कार्यप्रणाली पर भी जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री ने रैपिड एक्शन टीम एवं क्विक रेस्पांस टीम और फायर फाईटिंग टीम के कर्मचारियों से बातचीत कर उनकी कार्यप्रणाली को परखा और बेहतर कार्य करने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए। स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए एवं आपात स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन टीम एवं क्विक रिस्पांस टीम और फायर फाइटिंग टीम की व्यवस्था की गयी है। रैपिड एक्शन टीम में रेलवे के विभिन्न विभागों के 20 कर्मचारी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे तैयार रहेंगी।
निरीक्षण के अगले क्रम में 18 स्क्रीन से सुसज्जित सीसीटीवी कक्ष युक्त मेला टॉवर का निरीक्षण किया। मेला टॉवर से भीड़ नियंत्रण, गाड़ियों का आगमन- प्रस्थान, सिविल प्रशासन के साथ समन्वय, आपात स्थिति से निपटना, यात्रियों की सहायत इत्यादि जैसे कार्यों को किया जाता है। मेला टॉवर के सीसीटीवी कक्ष में प्रयागराज क्षेत्र के स्टेशनों और सिविल एरिया के सीधे प्रसारण को देखकर नियंत्रण और निर्देश की प्रणाली स्थापित की गयी है। कक्ष में तैनात कर्मचारियों से सीसीटीवी के विषय में जानकारी ली और बेहतर समन्वय और त्वरित कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
केंद्रीय रेल मंत्री ने प्रयागराज जंक्शन पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि महाकुम्भ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना को देखते हुए गत 2 वर्षों से वृहद स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। गत 2 वर्षों में प्रयागराज क्षेत्र में 5000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च की गई है। प्रयागराज क्षेत्र में सुगम रेल परिचालन के लिए 21 रोड ओवर ब्रिजों और रोड अंडर ब्रिजों का निर्माण किया गया है। कुम्भ के दौरान 3000 स्पेशल गाडियां सहित 13000 से अधिक रेलगाडियां चलायी जाएंगी। जबकि गत कुम्भ में 7000 गाड़ियों का संचालन किया गया था।
उन्होंने बताया कि बनारस से प्रयागराज के मध्य दोहरीकरण किया गया है। इसी खंड में गंगा नदी पर 100 वर्ष बाद नया ब्रिज बन गया है एवं फाफामऊ-जंघई के मध्य दोहरीकरण होने से ट्रेन परिचालन क्षमता में वृद्धि हुयी है। महाकुम्भ के दौरान बेहतर सुविधाओं के लिए विभिन्न स्टेशनों पर 43 स्थायी होल्डिंग एरिया का निर्माण किया गया है।
रेल मंत्री ने अयोध्या, चित्रकूट एवं विंध्याचल के लिए भी ज्यादा से ज्यादा ट्रेन चलाने की बात की। उन्होंने चित्रकूट एवं विंध्याचल में भी होल्डिंग एरिया विकसित करने के निर्देश दिए। अंत में उन्होंने जिला प्रशासन एवं रेल विभाग को समन्वय से काम करने के निर्देश दिए और मेला को सुचारु और सुरक्षित बनाने के सभी प्रयास करने की बात कही। इस दौरान अध्यक्ष रेलवे बोर्ड सतीश कुमार सहित उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे एवं पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक एवं सम्बंधित मंडल रेल प्रबंधकों के साथ अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।