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संसद में गूंजा संभल मुद्दा, अखिलेश बोले-ये लड़ाई संभल की नहीं, दिल्‍ली-लखनऊ की. ..

सपा प्रमुख ने की डीएम-एसपी पर हत्‍या का मामला दर्ज करने की मांग

लखनऊ । संभल में हिंसा के बाद शुरू हुई सियासी जंग अब संसद तक पहुंच गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को संसद में इस मामले को उठाया। उन्‍होंने कहा कि जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर संभल के मुस्लिमों ने तो धैर्य रखा, लेकिन अधिकारियों ने अपने प्राइवेट हथियारों से गोलियां चलाईं। सीओ ने लोगों से गालीगलौच की। लाठीचार्ज करवाया। अखिलेश ने संभल के डीएम और एसपी समेत प्रशासनिक अफसरों पर हत्‍या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की। साथ ही कहा कि ये लड़ाई संभल की नहीं, बल्कि दिल्‍ली और लखनऊ की है।

अखिलेश ने संसद के शीतकालीन सत्र में अपनी बात रखते हुए कहा कि संभल जो भाईचारे के लिए जाना जाता था। वहां भाईचारा सदियों पुराना है। अचानक संभल में यह घटना सोची समझी साजिश के तहत कराई गई है। वहां के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। वहां खुदाई बीजेपी और उनके सहयोगी समर्थक बार-बार कर रहे हैं। यह देश के भाईचारा और सौहार्द को खो देगा।
उन्‍होंने आगे कहा कि यूपी चुनाव पहले 13 तारीख को होना था और इसे बढ़ाकर 20 तारीख कर दिया गया। संभल की जामा मस्जिद के खिलाफ 19 नवंबर 2024 को सिविल जज के सामने याचिका लगाई गई। कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर सर्वे के आदेश दे दिए। हैरानी की बात है डीएम के आदेश पढ़े जाने के बगैर दो घंटे के अंदर ही पुलिस बल के साथ मस्जिद पहुंच गए। मस्जिद कमेटी और सभी ने उन्‍हें सहयोग दिया, लेकिन 22 नवंबर को जुमे की नमाज के लिए जब लोग नमाज पढ़ने वहां पहुंचे तो वहां बैरिकेड लगा दिए गए, लेकिन लोगों ने शांति से नमाज पढ़ी।

अखिलेश ने कहा कि अगली तारीख सुनवाई के लिए तय की। अगले दिन सर्वे करने के लिए दोबारा कहा गया। तो कमेटी की तरफ से कहा गया कि अगर फिर सर्वे कराना है दोबारा आदेश लेकर आएं और सर्वे करा देंगे, लेकिन जिला अधिकारी और एसपी ने कोई सुनवाई नहीं की और तानाशही करते हुए शाही मस्जिद आ गए। कमेटी और मुस्लिम समाज समाज के लोगों ने धैर्य रखा और दोबारा सर्वे के लिए अंदर ले गए। जब दोबारा जनता को इसकी सूचना मिली तो वहां पहुंच गई। लोगों को देख सीओ ने उनसे गाली गलौच की और लाठीचार्ज करवाकर उन लोगों को घायल कर दिया। इसके बाद चंद लोगों ने पत्‍थर चलाए, जिसके बदले में पुलिस सिपाही से लेकर अफसरों ने सरकारी ओर प्राइवेट हथियारों से गोलियां चलाईं। पांच मासूम जो घर से सामान लेने निकले थे मारे गए। भारी हंगामे के बीच उन्‍होंने कहा कि संभल का माहौल बिगाड़ने में याचिका दायर करने वालों के साथ पुलिस प्रशासन के लोग भी जिम्‍मेदार हैं इन पर हत्‍या का मामला दर्ज होना चाहिए, ताकि आगे कोई ऐसी कोई घटना न हो सके। आखिर में उन्‍होंने कहा कि ये लड़ाई दिल्‍ली और लखनऊ की है। उन्‍होंने शायराना अंदाज में कहा- जो कभी दिल्‍ली पहुंचते थे जिस राह से, वही लखनऊ वाले उसी रास्‍ते पहुंचना चाहते हैं।

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