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इस देश में रेंटल वाइफ का चलन बढ़ा, महिलाएं बन रहीं विदेशी पर्यटकों की बीवी

– ये बिजनेस थाईलैंड में बना बड़े आय के स्रोत, इसे रोकने नहीं है कानून

बैंकाक (ईएमएस)। थाईलैंड में रेंटल वाइफ का चलन काफी बढ़ रहा है। अगर अपनी भाषा में कहे तो किराए की बीवियां। ये चलन इस देश में खूब है। ऐसी बीवियों को ब्लैक पर्ल भी कहा जाता है। पिछले दिनों इस पर एक किताब प्रकाशित हुई थी, जो काफी चर्चा में रही। थाईलैंड के पटाया में ये विवादास्पद प्रथा है। यहां लोग इसे “भाड़े पर पत्नी” वाइफ आन हायर उद्योग कहते हैं। ये विवाह की एक अस्थायी व्यवस्था है जहां महिलाएं, जो गरीब ग्रामीण क्षेत्रों से होती हैं, वह विदेशी पर्यटकों की बीवी बन जाती हैं।

यह प्रथा मुख्य रूप से थाईलैंड के पटाया के रेड लाइट जिले के बार और नाइट क्लबों में होती है। किताब में लिखा है कि थाईलैंड में पत्नी को किराए पर देने की विवादास्पद और छिपी हुई प्रथा किस तरह रही है और अब ये फिर से बढ़ रही है। ये बिजनेस थाईलैंड में बड़े आय के स्रोत के रूप में उभरा है। खासतौर पर उन युवाओं के लिए जो पारंपरिक नौकरियों से अच्छा पैसा नहीं कमा पा रहे हैं। वह “रेंटल बीवी” या “रेंटल गर्लफ्रेंड” जैसी सेवाओं के जरिए अच्छा पैसा कमा रहे हैं। थाईलैंड में “किराये की पत्नियों” की अवधारणा विवादास्पद प्रथा है, जिसमें आर्थिक तौर पर गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली महिलाएं पैसा कमाने के लिए विदेशी पर्यटकों के साथ बीवी की तरह रहने लगती हैं, उसे घरेलू सेवाएं भी देती हैं। यह व्यवस्था औपचारिक विवाह नहीं है, बल्कि एक अस्थायी ठेके की तरह होता है, जो कुछ दिनों से लेकर कई महीनों तक चल सकता है।

ये महिलाएं मुख्य रूप से बार और नाइट क्लबों में काम करती हैं। पैसे कमाकर अपने परिवारों का समर्थन करने के लिए इस तरह के काम में आती हैं। इन महिलाओं को ब्लैक पर्ल कहा जाता है। आमतौर पर ये पार्टनर या टूर गाइड के रूप में काम करती हैं। रेंटल बीवियों के किराये का समय कोई तय नहीं होता, ये कांट्रैक्ट पर निर्भर है। इसमें मिलने वाला पैसा सुंदरता, शिक्षा और उम्र जैसे मामलों पर भी निर्भर करता है। इसमें रेंटल बीवी की कांट्रैक्ट मैरिज की रकम 1600 डालर से 116,000 डालर तक हो सकती है। कभी कभी इसमें जब समय के साथ रिश्ते विकसित हो जाते हैं तो कुछ महिलाएं आखिरकार अपने ग्राहकों से शादी कर लेती हैं या लंबे समय तक उनकी पार्टनर जैसे रोल में रहकर पैसा पाती रहती हैं।

रेंटल बीवी थाईलैंड में बिजनेस का रूप ले चुका है। इसमें पटाया और थाईलैंड के कई शहरों में विदेशी पर्यटक आकर बार, रेस्तरां और नाइट क्लब जैसी जगहों पर इन महिलाओं से सीधे संपर्क करते हैं। फिर दोनों ओर से दिलचस्पी दिखती है तो मामला आगे बढ़ता है। आपस में साथी की शर्तों के बारे में बातचीत होती है। महिलाएं किराये की अवधि के दौरान अपने ग्राहकों के साथ रहना शुरू करती हैं। कुछ रिश्ते स्थायी व्यवस्था में बदल जाते हैं। जहां महिलाओं को किराये की अवधि से परे आवास या वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
हालांकि इसे लेकर थाईलैंड में कोई कानून नहीं है। इन व्यवस्थाओं को नियंत्रित करने वाले कोई औपचारिक सुरक्षा या नियम नहीं हैं, इसलिए इन्हें अब खासा बढ़ावा मिल रहा है। थाईलैंड सरकार भी स्वीकार करती है कि इस तरह की प्रथा देश में चल रही है और इसे नियंत्रित करने वाले कोई कानून नहीं हैं। कुछ हद तक ये वेश्यावृत्ति से मिलती जुलती प्रथा है। थाईलैंड में “रेंटल गर्लफ्रेंड” या “रेंटल बीवी” जैसे कॉन्सेप्ट्स हाल के वर्षों में तेजी से चर्चा में आए हैं। यह ट्रेंड मुख्यतः जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से प्रेरित है, जहां इस तरह की सेवाएं पहले से लोकप्रिय हैं। अब थाईलैंड में इस बिजनेस के बढ़ने के पीछे कई सामाजिक और आर्थिक कारण हैं।

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