कानपुर। आंख खुलते ही जिसे मां का आंचल मिलना चाहिये था उसके हिस्से में दर्द भरी चीखे आयी। झोले में भरकर नवजात को फेंकते वक्त उस शख्स के हाथ भले ही न कांपे लेकिन जिसने इस मासूम लाडो की दुर्दशा देखी वह रो पड़ा। भले ही वह किसी मां की मजबूरी रही हो या फिर बेटी होने की उसे सजा मिली हो लेकिन इंसानियत को शर्मसार करने के लिये यह घटना काफी थी। नजीराबाद के अशोक नगर एरिया में कोई नवजात बच्ची को कूड़े के ढेर में फेंककर चला गया। सुबह सफाई कर्मी हेमराज जब झाड़ू लगा रहा था, तब कर्मी ने रोने की आवाज सुनी। इसके बाद कर्मी ने बच्ची को कूड़े से उठाकर पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। सफाई कर्मचारी ने बताया कि बच्ची को झोले में रखकर फेंका गया।
उसे पहले अखबार के कागज में लपेटा गया था। इसके बाद झोले में रखकर फेंक दिया गया। पहले मुझे लगा कि प्लास्टिक की गुड़िया है। लेकिन जब वो रोने लगी थी तो मैंने झोला खोलकर देखा। इसके बाद सभी को सूचना दी।क्षेत्रीय पूर्व पार्षद नमिता मिश्रा ने बताया कि सफाई कर्मी ने उन्हें जानकारी दी थी। मौके पर पहुंचकर देखा तो दिल दहल गया। बच्ची को झोले में भरकर नाली के किनारे फेंक दिया गया। बच्ची की सफाई कर, उसे कपड़े पहनाये और एंबुलेंस को सूचना दी। बच्ची अभी हैलट के जच्चा-बच्चा वार्ड में शिफ्ट करा दिया गया है।नमिता ने बताया कि बच्ची को देखकर लग रहा था कि उसका जन्म आज सुबह ही हुआ है। पैदा होने के बाद नाभी से जुड़ा नाड़ा तक नहीं कटा हुआ था। मामले मे ंपुलिस ने आसपास के अस्पतालों में छानबीन शुरू कर दी है।