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आईआईटी में एडमिशन के अब तीन मौके : जेईई एडवांस्ड दो नहीं, तीन मर्तबा देने की सुविधा

– अब प्रतिस्पर्धा होगी सख्त, जोसा में शामिल हुए तो मौका नहीं

कानपुर। इंजीनियरिंग का सपना देखने वाले होनहारों के लिए खुशखबरी है। अब तकनीकी संस्थान में दाखिले के लिए जेईई-एडवांस्ड देने के तीन मौके मिलेंगे। इस मर्तबा एडवांस्ड परीक्षा कराने का जिम्मा आईआईटी-कानपुर को सौंपा गया है। देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड-2025 की वेबसाइट को छात्रों के लिए खोल दिया गया है। गौरतलब है कि, अभी तक जेईई-एडवांस्ड देने के अवसरों की संख्या अधिकतम दो प्रयास थी। नए बदलाव से बड़ी संख्या में होनहारों को आईआईटी में प्रवेश का एक और मौका मुहैया होगा।

एनआईटी में प्रवेश लेने वालों को राहत
वर्ष 2025 में जेईई-एडवांस्ड में वर्ष 2023, 2024 और 2025 में इंटरमीडियट अथवा समकक्ष परीक्षा देने वाले विद्यार्थी शामिल होंगे। ध्यान रहे कि, वर्ष 2022 या इससे पहले 12वीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षा में शामिल होने के योग्य नहीं होंगे। यह भी तय किया गया है कि, ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने पूर्व में आईआईटी में जोसा काउंसलिंग के दौरान प्रवेश लिया था, वे विद्यार्थी जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में शामिल नहीं होंगे। अलबत्ता जेईई मेन क्वालीफाई करने के बाद एनआईटी में प्रवेश ले चुके विद्यार्थी जेईई-एडवांस्ड परीक्षा दे सकेंगे। जेईई-एडवांस्ड परीक्षा 26 मई या 2 जून 2025 को संभावित है।

नए निर्णय से प्रतिस्पर्धा और सख्त होगी
नये निर्णय से वर्ष 2025 में प्रतिस्पर्धा अधिक होगी। जेईई-एडवांस्ड में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों की संख्या का पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों का आंकलन करें तो क्वालिफाइड होने वाले 2.5 लाख विद्यार्थियों की संख्या के सापेक्ष सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगभग 1.8 लाख रहती है। ऐसे में कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो जेईई-एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई तो कर लेते हैं, लेकिन जेईई एडवांस्ड में सम्मिलित होने के लिए दोनों मौके समाप्त हो चुके होते हैं। वर्ष 2025 में तीसरा मौका मिलने के कारण अब इस कैटेगरी के विद्यार्थी भी जेईई-एडवांस्ड में सम्मिलित होंगे। इस वर्ष जेईई-एडवांस्ड परीक्षा के लिए आयु सीमा भी तय की गई है। ऐसे विद्यार्थी जिनका जन्म 1 अक्टूबर 2000 के बाद का है वे ही परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। एससी-एसटी, पीडब्ल्यूडी विद्यार्थियों को इस आयु सीमा में 5 वर्ष की रियायत दी गई है, यानी इस वर्ग के विद्यार्थी 1 अक्टूबर 1995 के बाद जन्म लेने वाले विद्यार्थी परीक्षा के योग्य होंगे।

सामान्य वर्ग के लिए 40 फीसदी सीट
पिछले 14 वर्षों के आंकड़ों के आकंलन के आधार पर रोटेशन प्रणाली के जरिए प्रत्येक छह वर्ष बाद में आईआईटी को परीक्षा की जिम्मेदारी मिलती है। वर्ष 2018 में जेईई की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को मिली थी। इसके बाद दिल्ली, बॉम्बे, खड़गपुर, मद्रास, रूडकी व गुवाहाटी ने जेईई-एडवांस्ड परीक्षा का जिम्मा संभाला था। जेईई मेन के आधार पर श्रेष्ठ 2.50 लाख विद्यार्थी वर्ष 2025 की जेईई-एडवांस्ड में शामिल होंगे। वेबसाइट के मुताबिक, 10 प्रतिशत जनरल-ईडब्ल्यूएस, 27 प्रतिशत ओबीसी, 15 प्रतिशत एससी, 7.5 प्रतिशत एसटी और 40.5 प्रतिशत जनरल कैटेगरी के लिए सीट आरक्षित हैं।

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