नई दिल्ली (ईएमएस) । महिलाओं के लिए अधिक काफी का सेवन परेशानी का कारण बन सकता है। कॉफी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में कॉफी पीने से महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
विशेष रूप से, इससे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी हार्मोनल समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टरों के अनुसार, कॉफी में मौजूद कैफीन महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। कैफीन इंसुलिन की सक्रियता को कम कर देता है, जिससे ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है। यह पीसीओएस जैसी समस्याओं का मुख्य कारण हो सकता है, क्योंकि कैफीन का ज्यादा सेवन हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं में प्रजनन से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि ज्यादा कॉफी पीने से महिलाओं में इंफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या होती है।
कैफीन प्रजनन अंगों पर नकारात्मक असर डालता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन बढ़ सकता है, और अंडाशय की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, कॉफी में मौजूद बायोएक्टिव पदार्थ जैसे लिग्नांस और आइसोफ्लेवोन्स भी हार्मोनल स्तर को प्रभावित करते हैं, जिससे मासिक धर्म या पीरियड्स में भी गड़बड़ी आ सकती है।
एक्सपर्ट के अनुसार, अगर महिलाओं द्वारा कॉफी का सेवन कम मात्रा में किया जाए तो यह नुकसान नहीं करता। लेकिन यदि आप ज्यादा कॉफी पीती हैं, तो ग्रीन टी को अपने आहार में शामिल करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें कैफीन की मात्रा कॉफी से 10 गुना कम होती है। इसलिए, महिलाओं को कॉफी के सेवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए, ताकि हार्मोनल स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक असर न पड़े और वे स्वस्थ रहें। सुबह की कॉफी से दिन की ताजगी का एहसास होता है, लेकिन यदि आप महिला हैं, तो इस पेय के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।