– घर-घर जाएंगे स्वास्थ्यकर्मी, 20 प्रतिशत जनसंख्या की होगी स्क्रीनिंग
वाराणसी (हि.स.)। जिले में नौ सितम्बर से ‘सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान की शुरूआत होगी। अभियान में जनपद की कुल आबादी की 20 प्रतिशत जनसंख्या यानि करीब 8.50 लाख लोगों की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए 198 टीमें (98 नगर व 100 ग्रामीण) तैयार की गई हैं। पर्यवेक्षण के लिए 20-20 सुपरवाईज़र शहर व ग्रामीण क्षेत्र में तैनात किए गए हैं। ये जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने शनिवार को दी।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि 20 सितम्बर तक सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ़) अभियान चलाया जाएगा। टीबी (क्षय रोग) के जीवाणु रोगी के खाँसने, छींकने और थूकने से हवा में फैल जाते हैं। साँस लेने से स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़े में पहुँचकर रोग उत्पन्न करते हैं। घनी आबादी व मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को स्वच्छ हवा-पानी न मिल पाने से उनके स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। इससे टीबी के होने खतरा सबसे अधिक रहता है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही हो, लगातार बुखार, रात में पसीना, भूख न लगना और वजन में लगातार कमी आ रही हो तो ऐसे में नजदीकी चिकित्सालय और स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और उपचार कराएं। उन्होंने बताया कि अभियान में टीबी के लक्षण युक्त (संभावित रोगियों) व्यक्तियों की जांच की जाएगी और जांच में टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार शुरू किया जाएगा।
संवेदनशील क्षेत्रों पर होगा ज़ोर
जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) संजय चौधरी ने बताया कि अभियान के दौरान माइक्रोप्लान के मुताबिक संवेदनशील क्षेत्रों (घनी बस्ती और स्लम एरिया) को कवर करते हुए जनपद की 20 प्रतिशत आबादी की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जाएगी। अभियान के पूर्व से ही आवासीय परिसरों, जैसे अनाथालयों, वृद्धाश्रमों, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसों और छात्रावासों में स्क्रीनिंग व जागरूकता कैंप आयोजित किए जा रहे हैं।