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यूपी में गंगा-यमुना और बिहार में 3 नदियां उफान पर…

-राजस्थान में बाढ़, घरों में 5 फीट पानी
-इंदिरा सागर के 12, ओंकारेश्वर के 9 गेट खोले गए

पावर स्टेशन सहित दोनों डैम से 8082 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज कर रहे

नई दिल्ली/भोपाल (ईएमएस)। उत्तर प्रदेश में तेज बारिश के कारण गंगा और यमुना नदी उफान पर हैं। मुरादाबाद में इतनी बारिश हुई कि रेल ट्रैक पानी में डूब गया। पीलीभीत में सडक़ बह गई। बिहार में भी तेज बारिश के चलते सीतामढ़ी, गया, सुपौल, गोपालगंज के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। गंडक, बागमती और कोसी नदी उफान पर है। उधर, राजस्थान के जैसलमेर, पाली और जोधपुर में पिछले 24 घंटों के दौरान तेज बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात हैं। जैसलमेर के मोहनगढ़ में 10 इंच, पोकरण में 7 इंच बारिश दर्ज की गई। पाली में 10 इंच और जोधपुर में 9 इंच बारिश दर्ज की गई। पाली में बाढ़ के चलते शहर की 52 से ज्यादा कॉलोनियां पानी में डूब गईं। यहां 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। मप्र में नदियां उफान पर हैं। बांधों से लगातार छोड़ा जा रहा पानी।

खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोल दिए गए है। शाम 4 बजे इंदिरा सागर डैम के 12 गेट खोलकर 2154 क्यूमेक्स तथा पावर स्टेशन से 1840 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज कर रहे है। वहीं आधे घंटे शाम साढ़े 4 बजे ओंकारेश्वर बांध के 9 गेट खोल दिए गए। डैम से 2 हजार क्यूमेक्स तथा पावर स्टेशन से 2088 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इस तरह दोनों डैम से कुल 8082 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज होगा। इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर दोनों बांध परियोजनाएं एनएचडीसी के अधीन है। ओंकारेश्वर परियोजना के प्रमुख धीरेंद्र द्विवेदी के मुताबिक, डैम से कुल 8 मीटर पानी छोड़ा जाएगा। शाम 4.30 बजे 9 गेट खोले गए है। इसमें तीन स्पिल्वे गेट 1.5 मीटर, दो गेट एक मीटर और चार गेट आधा मीटर ऊंचाई तक खुले है। गेटों से 2 हजार क्यूमेक्स तथा पावर स्टेशन पर बिजली उत्पादन कर 2088 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज कर रहे है।

इधर, इंदिरा सागर बांध के प्रमुख अजीत कुमार सिंह के मुताबिक, डैम के 12 गेट खोले गए है। 6 स्पिल्वे गेटों की ओपनिंग एक मीटर व 6 गेट की आधा मीटर रखी गई हैं। इस तरह इंदिरा सागर से 2154 क्यूमेक्स पानी तथा पावर स्टेशन से 1840 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। कुल पानी का डिस्चार्ज 3994 क्यूमेक्स रहेगा। डैम से 9 मीटर पानी खाली किया जाएगा। गेट खुलने से पहले की स्थिति में इंदिरा सागर में जलभराव 259.97 मीटर था। जबकि इसकी कुल भराव क्षमता 262.13 मीटर हैं।

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