नई दिल्ली (ईएमएस)। हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटे की अवधि के दौरान हुई भारी बारिश के कारण 15 सड़कें वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दी गईं। इसके साथ ही मौसम विभाग ने अगले चार दिन यानी 28 जुलाई तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट जारी किया है। मानसून में पहाड़ों पर घूमना बहुत रोमांचक हो सकता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश की कुछ जगहों पर भारी बारिश के कारण खतरनाक परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। यदि आप घूमने के लिए हिमाचल जाने का प्लान बना रहे हैं तो अभी रूक जाइए। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, कुल 15 सड़कें वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दी गईं, जिनमें मंडी की 12, किन्नौर की दो और कांगड़ा जिले की एक सड़क शामिल हैं। मौसम विभाग ने तेज हवाओं और निचले इलाकों में जलभराव के कारण राज्य में बागानों और फसलों, कमजोर संरचनाओं तथा कच्चे घरों को होने वाले नुकसान के बारे में भी चेतावनी दी है। जनजातीय जिला लाहौल और स्पीति का कुकुमसेरी मंगलवार रात 10.2 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा, जबकि ऊना दिन में सबसे गर्म रहा जहां तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
ऐसे में पर्यटकों को यही सलाह दी जा रही है कि कुल्लू, मनाली, धर्मशाला, मैक्लोडगंज, और शिमला जैसे स्थानों पर यात्रा करते समय विशेष सावधानी बरतें और सभी सुरक्षा उपायों का पालन करें। कुल्लू और मनाली मानसून के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन के लिए जाने जाते हैं। सड़कों पर पानी भरने और भूस्खलन की वजह से यात्रा के दौरान दुर्घटनाओं की संभावना रहती है।धर्मशाला और मैक्लोडगंज में भी मानसून के दौरान भूस्खलन का खतरा रहता है। बारिश के कारण सड़कें बंद हो सकती हैं और यातायात प्रभावित हो सकता है। शिमला में भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे यात्रा करना खतरनाक हो सकता है। मानसून में सफर करने के दौरान सावधानी बरतें। यात्रा से पहले मौसम का पूर्वानुमान जरूर देखें और उसी के अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं। अगर मौसम खराब है, तो यात्रा को टालना बेहतर होगा।
स्थानीय लोगों से वर्तमान मौसम की स्थिति और सड़कों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करें। वे आपको अधिक सही और अद्यतन जानकारी प्रदान कर सकते हैं। अपनी कार में प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी, और गर्म कपड़े रखें। यात्रा के दौरान हमेशा उचित सुरक्षा उपकरण साथ रखें। ऐसे मार्गों का चयन करें जो कम भूस्खलन प्रवण हों और जहां सुरक्षा के उपाय बेहतर हों। आपातकालीन सेवाओं के संपर्क नंबर और नजदीकी अस्पतालों की जानकारी अपने पास रखें।