बाराबंकी (हि.स.)। रसायनिक कीटनाशक का प्रयोग करने के बजाय लाइट ट्रैप से कीटों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके आलावा रसायनों का अधिक तथा अनुचित मात्रा में उपयोग से मिट्टी भी धीरे-धीरे बंजर होने लगती है। इन्ही परिणामों को देखते हुए समन्वित कीट प्रबंधन तकनीकों को अपनाया जाना बहुत जरूरी है। उक्त बातें शुक्रवार को ब्लाक मुख्यालय स्थित वमेंन सर्विस होम मे चल रहे दो दिवसीय आईपीएम प्रशिक्षण कार्यकम के समापन पर किसानों एवं बागवानों से रूबरू होते हुए संयुक्त निदेशक डा ज्ञान प्रकाश सिंह ने की ।
उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रशिक्षित समस्त किसान मास्टर ट्रेनर हो गए हैं और अपने साथ के समस्त किसानों के मध्य आई पी एम की लोकप्रियता को बढ़ाएं। समारोह में असद किदवई ने अपने सम्बोधन में कहा कि रासायनिक कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग के कारण कैंसर जैसी तमाम बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। अब समय आ गया है कि किसान आई पी एम अपनाएं और जैविक कीटनाशकों के प्रयोग पर जोर दें। केंद्रीय टीम द्वारा आई पी एम की विभिन्न विधियों के बारे में विस्तार से बताया गया और उसका प्रयोगात्मक प्रदर्शन भी किया गया। भारत सरकार की टीम द्वारा एनपीएसएस एप की उपयोगिता एवं उसके बहुआयामी लाभ के बारे में बताया गया।