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डिजिटल माध्यमों से परिषदीय विद्यालयों के बच्चे बन रहे ‘स्मार्ट’

लखनऊ  (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के ​बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को स्मार्ट व दक्ष बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बच्चों को न सिर्फ डिजिटल माध्यमों से स्मार्ट बनाया जा रहा है बल्कि ‘दीक्षा’ जैसे एप से अनेक विषयों में दक्ष बनाया जा रहा है।

आजमगढ़ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव पाठक की अगुवाई में किये जा रहे इस अभिनव प्रयोग में आजमगढ़ मुख्यालय और महराजगंज विकासखण्ड के परिषदीय विद्यालयों में विशेष प्रगति देखी जा सकती है। यहां के बच्चों ने स्मार्ट क्लास में इन एप के माध्यम से जो—जो चीजें देखी हैं, उन्हें सीखा भी है और भाषा, गणित, विज्ञान व भूगोल जैसे विषयों की समझ भी उनमें विकसित हुई है।

दूर की जा रहीं तकनीकी खामियां

बच्चों को ‘स्मार्ट’ बनाने के लिए ‘दीक्षा’, ‘रीड एलांग और निपुण लक्ष्य एप’ माध्यमों का उपयोग हो रहा है, वहीं विद्यालय में शिक्षकों से डिजिटल रजिस्टर के संदर्भ में सकारात्मक चर्चा हो रही है। शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति भरने को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। बीएसए कौशाम्बी की अगुवाई में यह कार्य सुचारु रूप से हो रहा है।

वहीं नोएडा समेत प्रदेश के कई जनपदों में शिक्षकों को ‘डिजिटल हाजिरी के फायदे बताये जा रहे हैं। इसके अलावा ‘परिषदीय शिक्षकों से सम्पर्क कर तकनीकी खामियां दूर की जा रही हैं।

संबंधित जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर सभी बीईओ अपने-अपने क्षेत्र के स्कूल भ्रमण पर निकल रहे हैं। यदि कहीं कोई टेक्निकल इश्यू आ रहे हैं तो उसका त्वरित निराकरण भी करा रहे हैं। शिक्षकों को बताया जा रहा है ​कि शिक्षक, निर्माता है और सृष्टि रक्षक भी। इसलिए डिजिटल पंजिकाओं का प्रयोग उसकी प्राथमिकताओं में से एक है। सोचिये, जब प्रदेश के 01,33,588 परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कागज का प्रयोग नहीं होगा।

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