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पेपर लीक कराने वाले गिरोह का एसटीएफ ने किया पर्दाफाश, प्रिंटिंग प्रेस कर्मी समेत गिरोह के 6 लोग दबोचे गए

 

लखनऊ। स्पेशल टास्क फाॅर्स (एसटीएफ) नें बड़ी कार्यवाही करते हुए बीती 11 फरवरी को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा-2023 का प्रश्नपत्र प्रिटिंग प्रेस से लीक कराने वाले गैंग का पर्दाफाश कर एसटीएफ ने प्रिन्टिग प्रेस के कर्मी सहित गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है।प्रयागराज जिले के थाना कीडगंज इलाके के परेड ग्राउण्ड से मिण्टो पार्क की तरफ जाने वाले मार्ग पर पकड़े गए सुनील रघुवंशी (प्रिटिंग प्रेस कर्मी) और सुभाष प्रकाश व विशाल दूबे तथा संदीप पाण्डेय और अमरजीत शर्मा व विवेक उपाध्याय पुत्र स्व0 रामायण उपाध्याय के पास से एक लैपटॉप और छह मोबाइल फोन और मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र और पांच ब्लैक बैंक चेक बरामद किया।

एडीजी यूपी एसटीएफ़ अमिताभ यस ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने परीक्षा के प्रश्नपत्र को दो तरीके से लीक कराया गया। पहला यह प्रश्नपत्र प्रयागराज स्थित बिसप जान्सन गर्ल्स स्कूल एण्ड कॉलेज प्रयागराज के परीक्षा कार्य देखने वाले अर्पित विनीत यशवंत को मिलाकर कमलेश कुमार पाल उर्फ के0के0, डा0 शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला व अरूण सिंह ने प्रश्नपत्र को परीक्षा के दिन परीक्षा प्रारम्भ होने के पूर्व ही प्रातः लगभग 06.30 बजे परीक्षा केन्द्र से ही मोबाइल फोन से स्कैन कर आऊट करा लिया गया गया था।उन्होंने बताया कि अर्पित विनीत यशवंत, कमलेश कुमार पाल उर्फ के0के0, डा0 शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अरूण सिंह आदि लोगों को एस0टी0एफ0 ने गिरफ्तार कर पूर्व में जेल भेज चुकी है। दूसरा उक्त प्रश्नपत्र प्रिटिंग प्रेस के कर्मी सुनील रघुवंशी को मिलाकर प्रिटिंग प्रेस से आऊट कराया गया था। इस संबंध में छानबीन से पाया गया कि राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दूबे एवं सुनील रघुवंशी (प्रिटिंग प्रेस कर्मी) अलग-अलग प्राइवेट इंजिनियरिंग कॉलेज में पढते थे। विशाल दूबे और सुनील रघुवंशी वर्ष 2014 से 2017 तक इंजिनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढे थे। सुनील रघुवंशी प्रिन्टिग प्रेस में मैकेनिकल इंजिनियर के पद पर नौकरी करने लगा तथा सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजिनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा। विशाल दूबे और राजीव नयन मिश्रा प्राइवेट इंजिनियरिंग कॉलेजों में इच्छुक छात्रों का एडमिशन कराने का काम करते थे। इसी सिलसिले में इन दोनों की सुभाष प्रकाश से जान-पहचान एवं दोस्ती हो गयी थी।

विशाल दूबे को जब पता चला कि उसके साथ का पढा हुआ सुनील रघुवंशी प्रिन्टिग प्रेस में नौकरी करता है तो यह बात विशाल दूबे ने मास्टरमाइन्ड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल एवं सुभाष प्रकाश को बतायी। इस पर राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल ने इन दोनों से कहा कि तुम लोग सुनील रघुवंशी के सम्पर्क में रहो और उत्तर प्रदेश में होने वाली किसी परीक्षा का प्रश्नपत्र छपने के लिये आता है तो इस बारे में बताने और प्रश्नपत्र को आऊट कराने के लिये सुनील रघुवंशी को तैयार करो। विशाल दूबे ने सुनील रघुवंशी को पैसे का लालच देते हुये कहे कि उ0प्र0 में होने वाली किसी भी परीक्षा का प्रश्नपत्र छपने के लिये आता है तो तुरन्त बताना। पैसे के लालच में आकर सुनील रघुवंशी तैयार हो गया। कुछ समय के उपरान्त सुनील रघुवंशी ने अपने साथी विशाल दूबे को बताया कि प्रिन्टिग प्रेस में एक प्रश्नपत्र छपने के लिये आया है, जिसमें से एक प्रश्नपत्र में 140 प्रश्न है तथा दूसरे प्रश्नपत्र में 40 प्रश्न हैं। इसकी चर्चा विशाल दूबे ने अपने पूर्व परिचित राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश से किया। चॅंूकि समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों पर भर्ती हेतु परीक्षा की प्रक्रिया चल रही थी और पूर्व के पैटर्न के अनुसार इस परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में 140 व दूसरे में 40 प्रश्न ही पूछे जाते हैं, इस आधार पर राजीव नयन मिश्रा और विशाल दूबे ने सुभाष प्रकाश व सुनील रघुवंशी को बताया कि यह समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा से संबंधित प्रश्नपत्र छपने के लिये आया हुआ है। राजीव नयन मिश्रा, विशाल दूबे एवं सुभाष प्रकाश ने इस प्रश्नपत्र को आऊट कराने के लिये सुनील रघुवंशी को तैयार कर लिया।

सुनील रघुवंशी उक्त प्रश्नपत्र को उपलब्ध कराने के लिये 10 लाख रूपये की मॉंग करते हुये अभ्यर्थियों को उक्त प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने पढवाये जाने की शर्त रखी, ताकि व्यापक रूप से प्रश्नपत्र वायरल न होने पाये, जिसपर राजीव नयन मिश्रा, विशाल दूबे और सुभाष प्रकाश तैयार हो गये। प्रश्नपत्र को आऊट कराने की योजना तैयार हो जाने के उपरान्त सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की छपाई पर नजर रखने लगा तथा प्रिन्टिग प्रेस के मशीन की मरम्मत के नाम पर प्रिन्टिग प्रेस मशीन के आस-पास रहकर सही व सुरक्षित समय का इन्तजार करने लगा। प्रिन्टिग के दौरान यदि कोई प्रश्नपत्र स्याही आदि के कारण थोडा बहुत खराब हो जाता है, तो उसे छांट कर अलग रखा जाता है और जिसे बाद में कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है।उन्होंने बताया कि तीन फरवरी को सुनील रघुवंशी मशीन की मरम्मत के नाम पर मौजूद था और मौका देखकर प्रिन्टिग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर ठीक कराने के नाम पर अपने पीने के पानी के बोतल के साथ लेकर प्रेस से आ गया। इन्हीं में प्रश्नपत्र छुपाकर बाहर लाया था। प्रश्नपत्र को अपने घर पर ले जाकर रख दिया। इसकी जानकारी विशाल दूबे को दिया और विशाल दूबे ने राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल व सुभाष प्रकाश को बताया। इसके उपरान्त इन लोगों द्वारा आपस में तय किया गया कि आठ फरवरी को अभ्यर्थियों तथा सॉल्वर को लेकर कोमल होटल में इकठ्ठा होगें। होटल में ही सॉल्वरों से प्रश्नपत्र को हल कराकर अभ्यर्थियों को पढवा दिया जायेगा। राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल व उसके गैंग के सदस्यों द्वारा प्रति अभ्यर्थी से 12-12 लाख रूपया तय किया गया था। उन्होंने बताया कि पूर्व नियोजित योजना के तहत कोमल होटल पर सबसे पहले विशाल दूबे अपने साथ संदीप पाण्डेय को लेकर पहुॅचा। इसके बाद सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की 06-06 फोटो कापी कराकर वहॉं पहुचा। सुभाष प्रकाश ने गाइड व मोबाइल फोन से प्रश्नपत्रों को हल कराया तथा वहॉं मौजूद अभ्यर्थियों को पढाया गया।

विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा अभ्यर्थियों को लेकर कोमल होटल पहुंच गए। जिन्हें हल प्रश्नपत्र वहॉं पढाया गया था। यहॉं यह उल्लेखनीय है कि गैंग के प्रमुख सदस्य सुभाष प्रकाश स्वयं भी समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का फार्म भरा था। इसी दौरान विशाल दूबे व सुभाष प्रकाश ने अपने मोबाइल फोन से प्रश्नपत्र की फोटो खिंचकर राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल को भेज दिया। सुभाष प्रकाश के पास से बरामद आई-फोन को खोलवाकर देखने पर पाया गया है कि सुभाष प्रकाश द्वारा प्रश्नपत्रों का फोटो खींचकर अपने गैंग के सदस्यों को व्हाट्सटप किया गया है।

यह दोनों प्रश्नपत्र सोशल मीडिया में वायरल हुये थे। इसके बाद राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लालच में वह प्रश्नपत्र अपने गैंग के सदस्यों डा0 शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अमित सिंह, अरूण कुमार सिंह, कामेश्वर, रवि अत्री व पुष्कर आदि के साथ-साथ अपने अन्य एजेण्टों को भेजकर पढवाया और इस तरह से यह प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।उन्होंने बताया कि पेपर आऊट कराकर नकल कराने वाले अपराधियों का एक संगठित गैंग है। इस गैंग में सरगना राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल की परिचित शिवानी भी सम्मिलित है। शिवानी ही राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल के पैसों के लेन देन का काम देखती थी। उक्त प्रश्नपत्र के आऊट होने में और लोगों की संलिप्तता के संबंध में अभी जॉंच एवं विवेचना एस0टी0एफ0 उ0प्र0 द्वारा प्रचलित है। जॉंच एवं विवेचना के उपरान्त आवश्यक विधिक कार्यवाही की जायेगी।इस मामले में कुछ लोगो पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है जो निरूद्ध है।

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