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कैसे मिलती हैं किसी देश को राष्ट्र के रुप में मान्यता….इस खबर में समझें !

तेल अवीव  । गाजा में इजरायल के सात महीने से अधिक समय से चल रहे युद्ध ने फिलिस्तीनियों को अपना खुद का देश देने के लिए वैश्विक दबाव को पुनर्जीवित किया है। नॉर्वे, स्पेन और आयरलैंड ने फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया। इन तीनों देशों की घोषणा ने उस जड़ता को तोड़ने का काम किया है, जो पश्चिमी शक्तियों ने लंबे समय से बना रखी थी। उनका मानना था कि फिलिस्तीन एक संप्रभु राष्ट्र तभी बन सकता है, जब उसकी मामले में इजरायल के साथ बातचीत हो। स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे का मानना है कि फिलिस्तीन को मान्यता दिए बिना मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित होना असंभव है।

संयुक्त राष्ट्र के 194 सदस्य देशों में से 143 देशों ने पहले से ही फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी है। 28 मई को स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे का नाम जुड़ने के बाद यह संख्या बढ़कर 146 हो गई। मान्यता देने वालों में कई मध्य पूर्वी, अफ्रीकी और एशियाई देश शामिल हैं, लेकिन अमेरिका, कनाडा, अधिकांश पश्चिमी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जापान या दक्षिण कोरिया उसको मान्यता देने के पक्ष में नहीं हैं।

कोई देश कैसे बनता है, इसके बारे में कोई तय नियम नहीं हैं। लेकिन इस लेकर कुछ अंतरराष्ट्रीय कानून जरुर हैं। इस बारे में मोंटेवीडियो कन्वेंशन चार मानदंड निर्धारित करता है। उसके अनुसार एक राज्य में एक स्थायी आबादी होनी चाहिए, एक सरकार हो, उसकी सीमाएं परिभाषित हों और अन्य देशों के साथ संबंध स्थापित करने की क्षमता रखता हो।
क्योंकि कई देश अभी भी फिलिस्तीन को राष्ट्र को मान्यता नहीं देते, इसकारण संयुक्त राष्ट्र ने स्वयं आंशिक मान्यता दी है। 1974 में पीएलओ संयुक्त राष्ट्र में एक पर्यवेक्षक इकाई बन गया। 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने फिलिस्तीन का दर्जा बढ़ाकर एक गैर-सदस्य पर्यवेक्षक देश का कर दिया।

अल्जीरिया ने दी सबसे पहले मान्यता
15 नवंबर, 1988 को, पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा या विद्रोह के दौरान, फिलिस्तीनी नेता यासर अराफात ने एकतरफा रूप से एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र की घोषणा की, इसकी राजधानी यरूसलेम थी। उन्होंने अल्जीयर्स में हुई निर्वासित फिलिस्तीनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यह घोषणा की। अराफात के घोषणा करने के कुछ मिनटों बाद, अल्जीरिया एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने वाला पहला देश बन गया।

कुछ ही समय बाद, दर्जनों अन्य देशों, जिनमें अधिकांश अरब जगत, भारत, तुर्की, अधिकांश अफ्रीका और कई मध्य और पूर्वी यूरोपीय देश शामिल थे, उन्होंने भी अल्जीरिया का अनुसरण किया। मिडिल ईस्ट शांति प्रक्रिया में संकट के समय, मान्यता की अगली लहर 2010 के अंत और 2011 की शुरुआत में आई। जब अर्जेंटीना, ब्राजील और चिली सहित कई दक्षिण अमेरिकी देशों ने फिलिस्तीनियों द्वारा उनके राष्ट्र के दावों का समर्थन करने के आह्वान का जवाब दिया।

तीन साल बाद, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने भी फिलिस्तीन को एक राज्य पक्ष के रूप में स्वीकार किया। आईसीसी के मुख्य अभियोजक ने पिछले दिनों घोषणा की कि वे 7 अक्टूबर 2023 और उसके बाद से इजरायल और गाजा में किए गए संदिग्ध युद्ध अपराधों पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके रक्षा मंत्री के साथ-साथ हमास के तीन शीर्ष नेताओं के लिए गिरफ्तारी वारंट की मांग कर रहे थे।

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