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हरियाणा के राजनीतिक संकट के बीच मनोहर लाल खट्टर ने दिया बयान

 

चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार पर उस समय राजनीतिक संकट गहरा गया, जब बीजेपी से तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया। हरियाणा के राजनीतिक संकट के बीच राज्य के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि देश में चुनावी माहौल है। कौन किधर जाता है और किधर नहीं, इससे कोई असर नहीं पड़ता। कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। इसलिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कौन कब और क्या करेगा। चुनाव अभी लंबा चलेगा। बता दें कि हरियाणा सरकार पर मंगलवार को बीजेपी से तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। इन निर्दलीयों में पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान शामिल हैं। इन विधायकों ने बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया है। इससे हरियाणा सरकार पर संकट गहरा गया है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और राज्य कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में तीनों विधायकों ने पत्रकारवार्ता में समर्थन वापसी का ऐलान किया। सरकार से समर्थन वापस लेने और कांग्रेस को समर्थन देने पर निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने कहा कि बीजेपी ने मुझे किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया। कांग्रेस पार्टी गरीबों और किसानों के बारे में सोचती है। बता दें कि 12 मार्च को नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वहीं 13 मार्च को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था।
हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान ने दावा किया है कि हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों सोमवीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलन और धर्मपाल गोंदर ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में इस समय 88 विधायक हैं, जिसमें बीजेपी के 40 हैं। बीजेपी सरकार को पहले जेजेपी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ था, लेकिन जेजेपी ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया था और अब तीन निर्दलीयों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है।

अब सवाल उठता है कि क्या हरियाणा सरकार पर तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी से बड़ा संकट आ गया है या क्या सरकार अल्पमत में आ चुकी है? तो जवाब है नहीं। इसका कारण है कि अब भी बीजेपी के पास 45 विधायकों का समर्थन है, जिसमें 40 विधायक बीजेपी के और पांच निर्दलीय हैं।

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