महोबा (हि.स.)। मां मदारन देवी चंदेलों की आराध्य देवी हैं। यहां माँ वैष्णो रूप में विंध्य के ऊंचे-ऊंचे पर्वत और घने जंगलों के मध्य स्थित है। फिर भी माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ प्रतिदिन यहां पहुंचती है। मदारन माता के दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। यहां पिंडी रूप में माता के दर्शन होते हैं।
बुंदेलखंड की वीर भूमि में एक से एक पावन धार्मिक तीर्थस्थल के रुप में भी जाना जाता है। जनपद मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मां मदारन माता मन्दिर बुंदेलखंड के सबसे प्राचीन एवं प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। नवरात्र के दिनों में भारी संख्या में भक्त यहां पहुंचकर मां की पूजा अर्चना कर आराधना करते हैं। माता के सिंहासन के ऊपर आज तक छत नहीं डाली गई इसके पीछे बड़ा कारण है। बताते हैं कि मां के सिंहासन के ऊपर कोई छत नहीं डाल सकता है। वह इसे वर्जित मानती हैं।
मंदिर के पुजारी माता प्रसाद तिवारी का कहना है कि मां खुले आसमान के नीचे विराजमान है जिसने भी मन्दिर के ऊपर छत डलवाने का प्रयास किया विफल साबित हुआ। रियासत काल से मां यहां भक्तों की रक्षा के लिए विराजमान है। मां भक्तों की हर मुराद पूरी करती हैं। पहाड़ में स्थित कुंड में छोटे बच्चों को स्नान करने मात्र से उनको बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। यहां नवरात्रि में दूरदराज से भक्त पहुंचते हैं। मनोकामनाओं के पूर्ण होने पर भक्तों के द्वारा धार्मिक अनुष्ठान कराए जाते हैं।