बदायूं (हि.स.)। बदायूं लोकसभा सीट से सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव का टिकट रविवार देर शाम फाइनल हो गया है। समाजवादी पार्टी की ओर से बदायूं लोकसभा से आदित्य यादव का टिकट फाइनल होने के बाद शहर के एक निजी लॉन में चुनाव कार्यालय का भी उद्घाटन किया गया। आदित्य यादव अपने पिता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव, बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के साथ सोमवार 15 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। पार्टी के जिला अध्यक्ष आशीष यादव ने आदित्य यादव के नाम से पहले ही शुक्रवार को नामांकन पत्र खरीद लिया था।
बतादें कि समाजवादी पार्टी ने बदायूं लोकसभा सीट से सबसे पहले बदायूं से पूर्व धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन कुछ दिन बाद धर्मेंद्र यादव का टिकट बदलकर उन्हें आजमगढ़ से प्रत्याशी घोषित किया गया। जिसके बाद बदायूं लोकसभा से अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को प्रत्याशी घोषित किया था। प्रत्याशी घोषित होने के बाद शिवपाल यादव बदायूं पहुंचे और उन्होंने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने कई जनसभा में आदित्य यादव के चुनाव लड़ने की बात मंच से कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि आदित्य यादव के नाम का प्रस्ताव पार्टी को भेजा गया था। शिवपाल यादव ने यह भी कहा कि बदायूं की जनता युवा प्रत्याशी को पसंद कर रही है। इसलिए हमने आदित्य यादव को बदायूं लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है।
आदित्य यादव के पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद आज शहर के एक निजी लॉन में चुनाव कार्यालय का भी उद्घाटन किया गया। चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर प्रत्याशी आदित्य यादव के पिता समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी, पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री आबिद रजा भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी और पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री ने पार्टी से इस्तीफा भी दिया था और बगावत भी की थी, लेकिन बाद में दोनों नेता एक साथ पार्टी में वापस आ गए। अब वो आदित्य यादव के प्रत्याशी होने पर उनका समर्थन कर रहे हैं। दोनों नेताओं को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव का कहना है कि यह परिवार के लोग हैं, आपस में मतभेद हो जाता है अब सब ठीक है। वहीं मीडिया द्वारा धर्मेंद्र यादव का टिकट बदलने के सवाल पर कहा कि पार्टी अपना काम कर रही है। पार्टी किसे कहा फिट कर रही है यह पार्टी की रणनीति है। बदायूं लोकसभा से चाहे मैं चुनाव लड़ूं या धर्मेंद्र लड़े या आदित्य लड़े, मिलकर पार्टी चुनाव लड़ रही है और जीत रही है।