Breaking News

धर्म परिवर्तन के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा-अखबार में इसका …

-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा-अखबार में इसका विज्ञापन भी देना होना
प्रयागराज,(ईएमएस)। धर्म परिवर्तन को लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहते हैं कई विवादों में कोर्ट को भी दखल देना पड़ता है। वहीं इस मामले को लेकर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर कहा कि देश में लोग कानूनी प्रक्रिया के तहत धर्म परिवर्तन करने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन उन्हें धर्म परिवर्तन की सूचना अखबार में विज्ञापन के जरिए देनी होगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश वारिस अली की याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ता में कोर्ट को बताया है कि उसने शिकायतकर्ता की बेटी से शादी की है और उनकी एक बेटी भी है। दोनों साथ रह रहे हैं। शिकायतकर्ता ने दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। दर्ज मुकदमे को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है। इस पर सरकार के अधिवक्ता ने सत्यापन के लिए कोर्ट से समय मांगा है कि धर्म परिवर्तन शादी के लिए किया गया या वैधानिक प्रक्रिया अपनाकर अपनी मर्जी से किया गया है। इस मामले पर कोर्ट ने टाल दी है। अब अगली सुनवाई 6 मई को होगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि कानूनी प्रक्रिया से किया गया धर्म परिवर्तन वैध है, लेकिन इसे छिपाकर ना किया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने एक आदेश जारी कर कहा है कि देश में कोई भी व्यक्ति धर्म बदलने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन यह धर्म परिवर्तन के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि धर्म परिवर्तन के लिए शपथ पत्र और समाचार पत्र में विज्ञापन देनास आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि धर्म परिवर्तन से कोई सार्वजनिक आपत्ति नहीं है। ये भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि कोई धोखाधड़ी या अवैध धर्म परिवर्तन नहीं है। साथ ही सभी सरकारी आईडी पर भी नया धर्म दिखाई देना चाहिए।

Check Also

संभल जामा मस्जिद विवाद : सर्वे टीम पर पथराव की घटना का मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, डीजीपी को दिए कार्रवाई के निर्देश

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल जनपद में जामा मस्जिद को लेकर हुए उपद्रव …