शिमला (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवारों की घोषणा के बाद भाजपा जहां धुआंधार चुनाव प्रचार कर रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी सभी सीटों पर उम्मीदवारों के चयन में उलझी है और उनके नेता चुनावी तैयारियों की बैठकों तक ही सीमित रह गए हैं।
सूबे की चार लोकसभा सीटों व छह विधानसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार चुनाव प्रचार में खूब पसीना बहा रहे हैं। बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के चुनावी रण में उतरने से मंडी हॉट सीट बन गई है। मंडी संसदीय क्षेत्र में कंगना रनौत का तुफानी चुनाव प्रचार देखा जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर उनके चुनाव प्रचाकर का जिम्मा संभाले हुए हैं। प्रदेश भाजपा के अन्य बड़े नेताओं ने भी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है।
दूसरी तरफ प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस पार्टी चुनावी तैयारियों की बैठकों तक सीमित रह गई है। कांग्रेस अभी तक किसी भी सीट पर उम्मीदवारों का एलान नहीं कर पाई है। कांग्रेस के नेता चुनाव प्रचार से दूर महज बैठकों में ही उलझे हुए हैं।
प्रदेश में बेशक लोकसभा चुनाव आखिरी चरण में पहली जून को होने हैं, जिसके लिए अभी दो माह का समय है। लेकिन भाजपा ने चुनावी रण में अपने दिग्गजों को उतार कर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है। पूरे प्रदेश में भाजपा का चुनाव प्रचार रफ्तार पकड़े हुए है। वहीं कांग्रेस सरकार के मंत्री व पार्टी के आला नेता कार्यालयों तक ही सिमटे हुए हैं। कांग्रेस का चुनाव प्रचार धरातल पर नहीं उतरने से पार्टी कार्यकर्ता मायूस हो रहे हैं।
भाजपा ने हमीपुर और शिमला लोकसभा सीटों पर 13 मार्च और मंडी व कांगड़ा सीटों पर 24 मार्च को उम्मीदवारों का एलान किया था। जबकि छह विधानसभा सीटों पर 26 मार्च को उम्मीदवार घोषित किये गए थे। सभी सीटों पर भाजपा उम्मीदवार तय होने के नौ दिन बाद भी कांग्रेस में टिकटों की उलझन है।
कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची इसी हफ्ते आने की संभावना
कांग्रेस के नेताओं की मानें तो चारों लोकसभा सीटों पर इसी हफ्ते उम्मीदवारों की सूची जारी हो सकती है। दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों का एलान किया जाएगा।
कांग्रेस पार्टी इस दिनों स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से प्रदेश में अपने उम्मीदवारों को तय करने के लिए जनता की टोह ले रही है। मंडी लोकसभा सीट से प्रतिभा सिंह, शिमला से दयाल प्यारी और भाजपा के पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप, हमीरपुर से पूर्व विधायक सतपाल रायजादा और कांगड़ा से पूर्व मंत्री आशा कुमारी के नाम चर्चा में हैं।
विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के नाराज नेताओं पर नजर
विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने के लिए कांग्रेस अपने नेताओं को जीत की क्षमता, संगठन के प्रति समर्पण और बेदाग छवि के पैमाने पर परख रही है। भाजपा ने छह विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों को टिकट दी है। इससे पिछला विस चुनाव लड़ चुके उम्मीदवार नाराज हैं। कांग्रेस इन असंतुष्ठ भाजपा नेताओं पर नजरे गढ़ाए हुए है। खासतौर पर लाहौल-स्पीति में कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विधायक रवि ठाकुर को टिकट देने के बाद पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा को भाजपा मना नहीं पाई है। ऐसे में उन्हें भी कांग्रेस टिकट दे सकती है।
प्रदेश के छह विधानसभा क्षेत्रों धर्मशाला, कुटलैहड़, सुजानपुर, गगरेट, लाहौल-स्पीति और बडसर में उपचुनाव होने हैं। कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद इन हलकों में चुनाव हो रहे हैं। इन चुनाव हलकों के कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा ने इन्हें उपचुनाव में टिकट देकर चुनावी रण को रोचक बना दिया है। हिमाचल विधानसभा में उपचुनाव के परिणाम कांग्रेस और भाजपा के लिए बहुत अहम रहने वाले हैं। दरअसल 68 सदस्यीय विधानसभा में सताधारी कांग्रेस के 34 और भाजपा के 25 विधायक हैं। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक भी हैं। इन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है, लेकिन स्पीकर ने अभी तक इनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किये हैं।