नई दिल्ली। पूर्व सांसद और माफिया मुख्तार अंसारी का गुरुवार रात को निधन हो गया। हार्ट अटैक के चलते पूर्व विधायक की मौत हुई है। वह बांदा जेल में बंद थे। पूर्वांचल की सियासत में मुख्तार के परिवार की पहचान एक राजनीतिक खानदान से भी होती है। मुख्तार अंसारी के दादा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भी थे। इसके अलावा भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार के चाचा थे। दोनों सगे चाचा-भतीजा थे।
जेल से ही गैंग चलाने के चलते मशहूर मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई मुदकमें दर्ज हैं। मुख्तार के दो भाई हैं। जिनमें अफजाल अंसारी मौजूदा समय में गाजीपुर से सांसद है। इस वक्त अफजाल अंसारी भी जेल में बंद है। मुख्तार अंसारी खुद भी पांच बार विधायक रह चुके थे। खास बात यह है कि तीन बार उसने जेल में रहते हुए चुनाव जीता था। साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्तार चुनाव नहीं लड़ा था। 2022 के चुनाव में उसने अपने बड़े बेटे अब्बास अंसारी को चुनावी मैदान में उतारा था। जिसमें उसके बेटे को जीत हासिल हुई। बता दें कि, मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी और उसका छोटा बेटा उमर अंसारी भी इस वक्त फरार चल रहा है। इन दोनों के खिलाफ भी कई मुकदमें दर्ज हैं।
मुख्तार पहली बार 1996 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत भी दर्ज की थी। इसके बाद मुख्तार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुख्तार 2002, 2007, 2012 और 2017 में विधायक बने थे। वह मऊ से भी विधायक रहे। 2002 और 2007 में वह निर्दलीय विधायक लड़े और जीत भी हासिल की।
मुख्तार अंसारी के गैंग के खिलाफ अब तक 155 एफआईआर दर्ज किए जा चुके हैं। साथ ही, मुख्तार की अब तक 586 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की जा चुकी है। इसके अलावा मुख्तार के 2100 से ज्यादा अवैध कारोबार भी बंद किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के दौरान मुख्तार के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई हुई। जिसके चलते मुख्तार के वर्चस्व में भी कमी आई। बीते साल भी मुख्तार के 605 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी।