समिति ने अपनी 18,626 पन्नों की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी
नई दिल्ली (ईएमएस)। लोकसभा चुनाव से पहले ‘एक देश, एक चुनाव पर बड़ा अपडेट गुरुवार को सामने आया है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक साथ चुनाव कराने को लेकर गठित उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।
कोविंद पैनल की यह रिपोर्ट कुल 18,626 पन्नों की है। बताया गया कि हाई लेवल कमेटी ने हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श, परामर्श और 191 दिनों तक लगातार काम करने के बाद रिपोर्ट तैयार की है, यहीं रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी गई है। माना जा रहा है कि 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है।
पिछले सितंबर में गठित समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखकर लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए संभावनाएं तलाशने और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भी शामिल हैं।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में क्या प्रमुख बात कही
1. प्रारंभ में हर दस साल में दो चुनाव होते थे। अब हर साल कई चुनाव हो रहे हैं। इससे सरकार, व्यवसायों, श्रमिकों, न्यायालयों, राजनीतिक दलों, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और बड़े पैमाने पर नागरिक समाज पर भारी बोझ पड़ता है।
2. इसकारण समिति सिफारिश करती है कि सरकार को एक साथ चुनावों के चक्र को बहाल करने के लिए कानूनी रूप से व्यवहार्य तंत्र विकसित करना चाहिए।
3. समिति की सिफारिश है कि पहले चरण में लोक सभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जाएं। दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव लोकसभा और राज्य विधान सभाओं के साथ समन्वित किए जाए।
4. इस तरह से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव होने के सौ दिनों के भीतर नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव हो जाएं।
5. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने के उद्देश्य से समिति सिफारिश करती है कि भारत के राष्ट्रपति आम सभा के बाद लोकसभा की पहली बैठक की तारीख को अधिसूचना द्वारा जारी कर सकते हैं। चुनाव आयोग इस अनुच्छेद के प्रावधान को लागू करें और अधिसूचना की उस तारीख को नियुक्त तिथि कहा जाएगा।
6. समिति चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324ए लागू करने की सिफारिश करती है।
7. समिति की सिफारिश है कि त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी किसी घटना की स्थिति में नए सदन के गठन के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
8. जहां लोकसभा के लिए नए चुनाव होते हैं, लोकसभा का कार्यकाल, लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल से ठीक पहले की शेष अवधि के लिए ही होगा और इस अवधि की समाप्ति विघटन के रूप में कार्य करेगी।
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी समिति का सदस्य बनाया गया था लेकिन उन्होंने समिति को पूरी तरह से छलावा करार देकर मना कर दिया। केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।