कानपुर। एक वक्त था, जब भारत को मलेरिया और पोलियो जैसे बीमारियों से बचाव के लिए विदेश से टीका मंगाना पड़ता था। अब अमेरिका भी भारत से दवा भेजने का आग्रह करता है। एक वक्त था, जब राम का नाम लेने पर हवालात में ठूंस दिया जाता है। अब रामद्रोही परिवार के सदस्य भी शिव-राम की शरण में हैं। दबंग पड़ोसी नजर उठाकर देखने की हिमाकत नहीं करता है। बर्बाद प्रदेश के संबोधन वाला प्रदेश अब सर्वोत्तम प्रदेश कहलाता है। यह है बदले और आधुनिक भारत की तस्वीर। अभी इस तस्वीर को और बेहतर करना है, इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव में पढ़े-लिखे लोगों को ज्यादा जिम्मेदारी निभानी है। छोटी-छोटी समस्याओं को दरकिनार करते हुए राष्ट्र के उत्थान के लिए जाग्रत होना है। इस मर्तबा यूपी में विपक्ष का खाता भी नहीं खुलेगा। उपर्युक्त उदगार हैं भाजपा के राज्यसभा सांसद और प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के। मौका था कानपुर में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन।
आदिवासी-भील भी संवैधानिक मुख्यधारा में
श्री शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों में चीन से पराजय और आपातकाल थोपने जैसी विफलताओं के बाद भी खुद का महिमामंडन करने की परंपरा थी। नेहरु और इंदिरा को भारत रत्न ऐसी परंपरा के जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने कहाकि, अब देश के किसी कोने में बैठे हुनरमंद भील-आदिवासी और गरीब को भी पद्म पुरस्कारों की सूची में स्थान मिलता है। पूर्व डिप्टी सीएम ने कहाकि ऐसा नहीं है कि भारत के पास सामर्थ्य नहीं थी, लेकिन चेतना जाग्रत करने वाला कोई नहीं था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को ताकत का अहसास कराया है, हुनर-कौशल निखारने के लिए योजनाएं लागू हुई हैं।
अब बंदूक नहीं, लैपटाप-मोबाइल की चाहत
राज्यसभा सांसद शर्मा ने संस्मरण सुनाते हुए कहाकि एक वक्त था, जब बुंदेलखंड जैसे दुर्दांत इलाकों में नौजवानों की चाहत लाइसेंसी बंदूक हुआ करती थी, लेकिन अब नयी पीढ़ी मोबाइल और लैपटाप की दीवानी है। डिजिटल भारत की तस्वीर निखर रही है। उन्होंने कहाकि अयोध्या, विंध्यांचल और काशी-विश्वनाथ मंदिरों के जीर्णोद्धार के चलते यूपी में पर्यटन के नये आयाम स्थापित होंगे।
गिरोह बना लिया, लेकिन सीट को तरसेंगे
श्री शर्मा का दावा है कि प्रारंभिक तौर पर 400 पार का नारा बुलंद किया गया था, लेकिन मौजूदा स्थितियों में राजग का आंकड़ा 450 पार जाएगा। उन्होंने कहाकि मोदी को हराने के लिए विपक्ष ने गठबंधन नहीं किया है, बल्कि गिरोह बनाया है। बावजूद यूपी में सभी 80 सीटों पर कमल खिलेगा और सपा-कांग्रेस की टोली एक सीट के लिए भी तरसेगी।