– – फीलखाना इंस्पेक्टर ने सपा विधायक से निभाई थी दोस्ती
– – गैंगस्टर मामले में आला अफसरों को किया था गुमराह
– – अब सभी सीज संपत्तियों का 24 घंटे में होगा सत्यापन
कानपुर। सपा विधायक इरफान सोलंकी पर गैंगस्टर मामले के तत्कालीन विवेचनाधिकारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह की कारस्तानी सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नरेट में हड़कंप मचा है। विधायक पर इंस्पेक्टर की मेहरबानी की पोल खोलने के बाद शनिवार को कमिश्नर ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब करते हुए सख्त कदम उठाने का हुक्म दिया है। इसके बाद आनन-फानन में डीसीपी-पूर्वी ने इरफान गैंगस्टर मामले की समीक्षा करने के बाद तय किया कि इरफान और गैंग के सभी सदस्यों की सीज संपत्तियों का दुबारा भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इस बाबत टीम गठित करते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गई है।
गैंग की शेष संपत्ति भी जांच के दायरे में
डीसीपी – पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ गैंगस्टर मामले में मुकदमा संख्या 156/22 धारा 3(1) की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया है कि गैंग के मुखिया इरफान सोलंकी, उसके भाई रिजवान सोलंकी तथा इजराइल आटे वाला, शौकत पहलवान सहित गैंग के सभी सदस्यों की शेष संपत्ति की लिस्ट बनाकर मुहैया कराई जाए। पड़ताल के दौरान यदि सामने आया कि गैंग की कोई संपत्ति सीज होने से बच गई है तो कानूनी कार्रवाई होगी।
इंस्पेक्टर की मेहरबानी जांचने जाएंगी टीम
समीक्षा बैठक में थाना प्रभारी मूलगंज, थाना प्रभारी फीलखाना, थाना प्रभारी जाजमऊ और थाना प्रभारी फजलगंज के साथ-साथ सह विवेचक भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि वर्तमान में थाना प्रभारी फजलगंज सुनील कुमार सिंह हैं, जिन्होंने फीलखाना थाना प्रभारी की पोस्टिंग के दौरान विधायक इरफान सोलंकी से खूब दोस्ती निभाई थी। डीसीपी ने सभी को निर्देशित किया कि विधायक सहित गैंग के सभी सदस्यों की सीज संपत्तियों का मौका-मुआयना किया जाए। चारों थानेदार और संबंधित इलाके के बीट कांस्टेबल भौतिक सत्यापन करने के बाद 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देंगे।
मेहरबान इंस्पेक्टर पर मेहरबानी क्यों ?
कानपुर। विधायक के ठिकानों पर ईडी के छापे के दौरान गैंगस्टर मामले के तत्कालीन विवेचक की कारस्तानी सामने आने के बाद भी पुलिस आयुक्त सुनील कुमार सिंह पर मेहरबान हैं। कमिश्नर अखिल कुमार ने कागजों पर सीज कार विधायक के परिजनों के कब्जे से मिलने पर नाराजगी तो जताई, लेकिन विधायक पर मेहरबानी करने वाले इंस्पेक्टर पर सख्त कार्रवाई से परहेज किया। इस मामले में इंस्पेक्टर ने बचकाना जवाब देते हुए कहा है कि विधायक के परिजनों ने कहाकि कार कहां है, इस बारे में जानकारी नहीं हैं, इसलिए सीज करना मुमकिन नहीं था। इस जवाब पर सवाल लाजिमी है कि परिजनों के कहने पर कार खोजने से तौबा करने वाले इंस्पेस्टर बदमाशों को कैसे खोजते होंगे।