– फीलखाना इंस्पेक्टर ने सपा विधायक से निभाई थी दोस्ती
– गाड़ियां सीज करने के बजाय कमिश्नर को भेजी झूठी रिपोर्ट
कानपुर। सपा विधायक इरफान सोलंकी के तारे गर्दिश में हैं। आगजनी, फर्जी आधारकार्ड, काली कमाई और हिस्ट्रीशीटरों से रिश्तों जैसे संगीन मामलों में फंसे इरफान को कानून से राहत की उम्मीद नहीं दिखती है। अलबत्ता इरफान पर गैंगस्टर मामले के विवेचक फीलखाना इंस्पेक्टर ने विधायक से खूब यारी निभाई। पुलिस कमिश्नर के आदेश के बावजूद इंस्पेक्टर ने विधायक की कारों को सीज करने की जहमत नहीं उठाई। इसके साथ ही इंस्पेक्टर ने आला अफसरों को आदेश अमल करने की झूठी रिपोर्ट भेजकर गुमराह भी किया। ईडी की कार्रवाई के दौरान इंस्पक्टर की कारस्तानी सामने आई तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जांच शुरू करने के साथ-साथ इंस्पेक्टर से सवाल किया गया तो बचकाना जवाब देकर बचने का प्रयास किया।
कमिश्नर जोगदंड को इंस्पेक्टर ने गुमराह किया
मामला जनवरी 2023 का है। आगजनी और फर्जी आधार कार्ड मामले के बाद इरफान के कारनामों की फेहरिस्त सामने आई तो तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने इरफान और उसके गुर्गों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए तीन अचल संपत्ति, पांच बैंक खातों, दो असलहों तथा तीन कारों को सीज करने का आदेश जारी कर दिया। तकनीकी कारणों से जाजमऊ की घटना का मुकदमा फीलखाने थाने में दर्ज हुआ था, लिहाजा फीलखाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह विवेचनाधिकारी थे। इंस्पेक्टर ने सपा विधायक से यारी निभाने के खातिर कमिश्नर समेत अन्य आला अफसरों की आंख में धूल झोंकते हुए अमल-दरामद की फर्जी रिपोर्ट भेज दी। हकीकत यह थी कि विधायक की सिर्फ टाटा सफारी को सीज किया गया था, शेष दो कारों के बारे में उल्लेख भी नहीं किया गया।
ईडी के छापे के दौरान सामने आई कारस्तानी
खाकी की कारस्तानी फाइलों में दब चुकी थी, लेकिन गुरुवार को इरफान के ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई के दौरान पार्किंग में काले रंग की क्रेटा कार खड़ी नजर आई तो पोल खुल गई। पूछताछ में यह भी मालूम हुआ कि इंस्पेटर ने रस्म अदायगी के तौर पर कम इस्तेमाल होने वाली टाटा सफारी को सीज किया था, जबकि दो कारों को लापता बताकर छोड़ दिया था। शुक्रवार को पुलिस जांच में सामने आया कि जिन कारों को लापता बताया गया था, उनमे से क्रेटा कार से इरफान का भाई अशरफ चलता है, जबकि आई-10 से इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी।
एसीपी कैंट करेंगे जांच, बचकाना जवाब दिया
शुक्रवार को तत्कालीन फीलखाना इंस्पेक्टर और वर्तमान में फजलगंज इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह को डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने तलब किया तो उन्होंने बचकाना जवाब देते हुए कहाकि उस वक्त विधायक के परिजनों ने कार को लापता बताया था, इसलिए सीज करना मुमकिन नहीं था। डीसीपी ने पूछा कि आरटीओ, बीमा, प्रदूषण प्रमाण-पत्र के नवीनीकरण की स्थिति के जरिए कार को खोजना मुमकिन था तो मेहरबानी क्यों हुई। इस सवाल पर इंस्पेक्टर चुप हो गए। बहरहाल , डीसीपी पूर्वी ने एसीपी कैंट को मामले की जांच के आदेश दिये हैं। साथ ही विधायक की शेष दोनों कारों को जब्त करने के एक टीम बनाई है।