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लोकसभा 2024 : भाजपा के इन 195 उम्मीदवारों पर दांव क्या “मिशन 400” का लक्ष्य पूरा करा पाएगा !

नई दिल्ली(ईएमएस)। भारतीय जनता पार्टी ने 370 और एनडीए ने लोकसभा की 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने बीते रोज 195 उम्मीदवारों की घोषणा की है। अब सवाल ये है कि कईयों के टिकट कटे है तो कईयों को मिले हैं। ऐसे में क्या भाजपा और एनडीए के लक्ष्य में ये उम्मीदवार मील का पत्थर बन पाएंगे। हालांकि भाजपा का यह कदम उसके आत्मविश्वास को दर्शाता, क्योंकि उसने उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में कई सांसदों को दोबारा टिकट दिया है, जबकि 34 केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतरा है। लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं, जो वाराणसी सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे। लिस्ट में अन्य बड़े नामों में लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गांधीनगर से गृह मंत्री अमित शाह और अमेठी से स्मृति ईरानी शामिल हैं।

6 मार्च को बीजेपी की सीईसी (केंद्रीय चुनाव समिति) की एक और बैठक होने वाली है, जिसके बाद पार्टी उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर सकती है। इसलिए, चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले बीजेपी के उम्मीदवारों का एक बड़ा हिस्सा सामने आ सकता है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को देखें तो बीजेपी ने चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के 11 दिनों बाद 21 मार्च को 180 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि इस बार चुनाव की घोषणा से कम से कम एक सप्ताह से 10 दिन पहले आई बीजेपी की पहली लिस्ट से पता चलता है कि पार्टी 2024 में 370 सीटें जीतने के अपने लक्ष्य पर जोर दे रही है। उत्तर प्रदेश में कई सांसदों को दोहराया गया है, जैसे मथुरा से हेमा मालिनी, गोरखपुर से रवि किशन, अयोध्या से लल्लू सिंह, मुज़फ़्फ़रनगर से संजीव बालियान और खीरी से अजय मिश्रा टेनी, उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्य में बीजेपी के विश्वास को दिखाते हैं, जहां उसने 80 में से 51 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 436 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं शनिवार को घोषित 195 सीटों के साथ, बीजेपी ने 2019 के अनुमान के अनुसार इस बार लगभग 40% सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश में साध्वी निरंजन ज्योति, साक्षी महाराज और महेश शर्मा जैसे अधिकांश सांसदों को दोहराया गया है। बीजेपी ने अभी तक गाजियाबाद की अपनी सुरक्षित सीट की घोषणा नहीं की है, जिससे मौजूदा सांसद और विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) की उम्मीदवारी पर संदेह पैदा हो गया है। पश्चिम बंगाल में, राज्य प्रमुख सुकांत मजूमदार, लॉकेट चटर्जी और निसिथ प्रमाणिक जैसे कई मौजूदा सांसदों को दोहराया गया है, जबकि अनिर्बान गांगुली एक नया नाम है, जिन्हें जाधवपुर से टिकट दिया गया है।

पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सात से पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, इसमें अपने पांच मौजूदा सांसदों में से चार को हटा दिया है। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने हाल ही में गठबंधन किया है। बीजेपी ने भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और दिल्ली के सांसद परवेश सिंह वर्मा एवं रमेश बिधूड़ी जैसे विवादास्पद नामों को भी हटा दिया है। इसके अलावा विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को नई दिल्ली सीट से हटा दिया गया है और उनकी सीट से दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को टिकट दिया गया है। केंद्रीय मंत्रियों में भूपेंद्र यादव अलवर से, मनसुख मंडाविया पोरबंदर से और राजीव चंद्रशेखर तिरुवनंतपुरम में शशि थरूर के खिलाफ चुनाव में भिड़ेंगे। बीजेपी ने मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों को उनकी पुरानी सीटों क्रमशः विदिशा और गुना से मैदान में उतारा है। आंध्र प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु जैसे कुछ प्रमुख राज्यों में बीजेपी की सीट बंटवारे को लेकर एनडीए गठबंधन के घटक दलों से बातचीत चल रही है। बीजेपी ने वायनाड, छिंदवाड़ा और रायबरेली जैसी प्रमुख सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। दरअसल वामपंथियों के यह कहने के बाद कि राहुल गांधी को वायनाड से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, पार्टी इन सीटों पर कांग्रेस की घोषणा का इंतजार कर रही है। सोनिया गांधी रायबरेली की लड़ाई से बाहर हो गई हैं और कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ और बीजेपी के बीच बात नहीं बनी। बीजेपी ने पहले ही यूपी में अन्य छोटे दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने की योजना वाली 74 सीटों में से 51 सीटों की घोषणा कर दी है, जिससे पता चलता है कि भगवा पार्टी को लगता है कि राम मंदिर के पूरा होने के बाद से लोगों का अपार समर्थन उसके साथ है।

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