कानपुर। एक सप्ताह पहले फूलबाग से अगवा मासूम को पुलिस ने रविवार को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस के साथ मुठभेड़ में मासूम का अपहरण करने वाले दोनों किडनैपर्स के पैर में गोली भी लगी है। अपहरणकांड के खुलासे में चौंकाने वाली बात सामने आई कि सूनी कोख के कारण दुखी रहने वाली बहन की खुशी के लिए मासूम का अपहरण किया गया था। अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मासूम की रिहाई के बाद उसके घर में जश्न का माहौल है।
भगवतदास घाट पर हुई भोर में हुई मुठभेड़
रविवार की भोर में मासूम को अगवा करने वाले दोनों लड़कों की भगवतदास घाट पर पुलिस से मुठभेड़ हो गई। अभियुक्तों ने हमला करते हुए भागने का प्रयास किया तो पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी, जिसके बाद पैर में गोली लगने से दोनों गिर गए। बाद में पुलिस ने दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया है । डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया आरोपितों की पहचान किदवई नगर निवासी रज्जन और पंकज गुप्ता के रूप में हुई है।
18 साल से बच्चे के लिए तरस रही थी बहन
पूछताछ में मुख्य आरोपी रज्जन ने बताया है कि उसने मासूम का अपहरण अपनी बहन के लिए किया था। दरअसल, रज्जन की बहन पूनम को शादी के 18 साल बाद भी संतान नहीं हुई। जिसके चलते वह परेशान रहती थी। इसके साथ ही बांझ होने के भाव के कारण वह समाज में लज्जित होती थी और ससुराल वालों के ताने झेल रही थी। पूनम ने कुछ दिन पहले अपने पिता को अपना दर्द बताया तो पिता ने रज्जन से कहीं से पैसा देकर कोई बच्चा दिलाने को कहा था।
पिता से एवज में पैसा भी ऐंठना चाहता था
बीते हफ्ते रज्जन अपने दोस्त पंकज के साथी फूलबाग से गुजर रहा था। तभी उनकी नजर कार्तिक पर पड़ गई, जोकि अपने भाई-बहन के साथ खेल रहा था। रज्जन ने तुरंत साजिश रची और दोस्त के साथ एक-दो चक्कर घूमकर बस स्टॉप के पास से बच्चे को उठा लिया और घर जाकर अपनी छोटी बहन नीतू को बच्चा सौप दिया। रज्जन ने पिता से पैसा ऐंठने के लिए एक फर्जी गोदनामा भी बनवाया। उसने और नीतू ने परिजनों को विश्वास दिलाया गया था कि बच्चा लिखापढ़ी करके लिया गया है।
कैमरे में कैद हुई बाइक से पकड़े गए
मूलरूप से उन्नाव, सफीपुर निवासी छोटू राजपूत परिवार के साथ फूलबाग फल मंडी के पास रहते हैं। छोटू सहालग में वेटर का काम करने के साथ ही सब्जी का ठेला लगाते हैं। एक सप्ताह पहले छोटू का छोटा बेटा कार्तिक (2) अपनी बड़ी बहन वैष्णवी व भाई शिब्बू के साथ शाम को फुटपाथ पर खेल रहा था। तभी बाइक से आए दो अपहर्ता कार्तिक को उठाकर भाग गए थे। सीसीटीवी कैमरे को ट्रेस करते हुए पुलिस को अपहर्ता आखिरी बार जीटी रोड स्थित पैरशूट फैक्टरी के पास श्याम नगर पुल पर जाते दिखे थे। मामले में फीलखाना थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। डीसीपी के मुताबिक पुलिस ने करीब छह सौ कैमरे खंगालने के बाद बाइक का नंबर ट्रैस किया और दोनों अभियुक्तों तक पहुंच गई। डीसीपी के मुताबिक गाड़ी नंबर की मदद से पुलिस आरोपितों तक पहुंची।