-मरीज को 31 साल से था एचआईवी संक्रमण
कैलिफोर्निया (ईएमएस)। एक मरीज ब्लड कैंसर के साथ एचआईवी संक्रमण से भी ग्रसित था और अब यह चमत्कारिक रुप से दोनों हो रोगों से मुक्त है। यह वाक्या कैलिफोर्निया के पॉल एडमंड्स का है जो कई दशकों से एचआईवी से संक्रमित थे, लेकिन कुछ सालों से उन्हें ब्लड कैंसर भी हो गया था और वे उसका इलाज करा रहे थे। पांच साल पहले एक उपचार शुरू करने के बाद धीरे धीरे ऐसा चमत्कार हुआ कि आज एडमंड्स दोनों से मुक्त हैं। दो साल पहले एडमंड्स एक्यूट मायएलोगेनस ल्यूकेमिया (एएमएल) से मुक्त हुए और उसके दो साल बाद ही में उन्हें एचआईवी संक्रमण से भी पूरी तरह से मुक्त पाया गया है। यानि कि पांच साल पहले किए गए उपचार के बाद एजमंड्स अचानक ही पूरी तरह से ठीक होते पाए गए। जो ना केवल एडमंड्स के लिए चमत्कार था, बल्कि डॉक्टरों के लिए भी किसी चमत्कार से कम नहीं था।
इस अनोखे उपचार में डॉक्टरों ने स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया था जिसे चिकित्सा की भाषा में एलोजेनिक हीमोपोएटिक सेल ट्रांसप्लांटेशन कहते हैं। यह थेरेपी ल्यूकेमिया मायेलोमा और लिमफोमा जैसे ब्लड कैंसर की उपचार का हिस्सा होता है जिसमें मरीज के बोन मैरो में बना स्टेम सेल से बना खून विकिरण या कैमियो थेरेपी से खत्म कर दिया जाता है और फिर समान जीन वाले डोनर के अच्छा खून बनाने वाली स्टेम सेल को मरीज में ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। जिसके बाद वे कैंसर मुक्त कोशिकाएं बनाने लगती हैं। लेकिन एडमंड्स के मामले में कहानी यहीं नहीं रुकी, डॉक्टरों के अनुसार दान की गई स्टेम सेल्स का एक और फायदा हुआ, उनमें ऐसा जीन म्यूटेसन हो गया जो एचआईवी 1 का प्रतिरोध करता था। एडम्ड्स को 31 इस ट्रांस्प्लांट से 31 साल पहले से एचआईवी -1 संक्रमण था और वे 20 सालों से एचआईवी एंटी रोट्रोवायरल थेरेप करवा रहे थे जो कि एचाईवी का इलाज नहीं है। यह वाकया न केवल मरीज के लिए चमत्कार साबित हुआ बल्कि खुद डॉक्टरों के लिए भी किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं रहा क्योंकि मरीज के इलाज में भी अजीब सा संयोग देखने को मिला है।