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ठाकुर पहुंचा सरकारी ठिकाने : शिकंजे में शातिर ने सुनाए फरारी के किस्से

-वाट्सएप पर धारा 307 के नाम से ग्रुप बनाकर बचता रहा

-दिल्ली के रोहिणी इलाके में रिश्तेदार के घर रुका था अजय

कानपुर. उम्र सिर्फ 25 साल और पुलिस की फाइल में दर्ज मुकदमों की संख्या 26…. अपराध की दुनिया में तेजी से बादशाहत की ओर बढ़ रहा अजय ठाकुर अब सलाखों के पीछे है। एक महीने तक खाकी वर्दी को चकरघिन्नी बनाकर परेशान करने वाले शातिर अजय ठाकुर ने बेहद शातिराना अंदाज में खुद को बचाए रखा। एक सप्ताह पहले दो साथियों की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस को कुछ इनपुट मिले, जिसके जरिए कानपुर पुलिस ने दिल्ली के रोहिणी इलाके में रिश्तेदार के घर आसरा लिए अजय ठाकुर को धर दबोचा। पुलिस अभिरक्षा में पूछताछ के दौरान शातिर ने फरारी के दौरान के किस्से सुनाए। बताया कि कैसे वह एक महीने तक पुलिस को चकमा देता रहा।

शहर बदलने से पहले मोबाइल चालू करता था

अजय को मालूम था पुलिस उसके मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर जरूर लगाएगी। ऐसे में पुलिस को गुमराह करने के लिए किसी शहर में छिपा रहता था, लेकिन शहर छोड़ने से पहले मोबाइल फोन को स्विच ऑन करता था। लोकेशन ट्रेस होते ही पुलिस उक्त शहर पहुंचती, लेकिन तब तक फोन को बंद होने के साथ-साथ अजय का ठिकाना कोई दूसरा शहर बन चुका होता था। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) रवींद्र कुमार के अनुसार, एक महीने की फरारी के दौरान अजय ठाकुर कानपुर शहर के घाटमपुर में कुछ दिन रहा। फिर वह रूरा में रुकने के बाद दिल्ली, पंजाब निकल गया। कुछ दिन पहले फिर दिल्ली के रोहिणी इलाके के प्रेमनगर में गौरीशंकर एन्क्लेव में अपने रिश्तेदार के घर पहुंचा था, जहां से उसे बीते दिवस गिरफ्तार किया गया।

शिकंजे में शातिर ने सुनाए किस्से

पुलिस से बचने के लिए शातिर अजय अपने गैंग के सदस्यों से मोबाइल के बजाय वाट्सएप ग्रुप मैसेज के जरिए संवाद करता था। उसने हत्या की धारा 307 के नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया था। गैंग के सदस्यों को जो कुछ भी कहना-सुनना-बताना होता था, इसी ग्रुप के जरिए संवाद होता था। एक सप्ताह पहले पुलिस की गिरफ्त में आए अजय ठाकुर के दो गुर्गों ने वाट्सएप ग्रुप की कहानी सुनाई थी। डीसीपी रवींद्र के अनुसार, इसी इनपुट के बाद कानून के हाथ अजय ठाकुर के गिरेबां तक पहुंचे।

जरायम की दुनिया का बादशाह बनने की चाहत

जरौली के मुन्ना सिंह के बेटे अजय सिंह ने नाजुक उम्र में जरायम की दुनिया का बादशाह बनने का इरादा बनाया तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। महज 17 वर्ष की उम्र में अजय के ऊपर पांच मुकदमे दर्ज हो चुके थे। वर्ष 2017 से लेकर 2019 की अवधि में ठाकुर के ऊपर आठ और मुकदमे दर्ज हो गए। वर्तमान समय में 25 साल के अजय ठाकुर के ऊपर 26 मुकदमे दर्ज हैं, जबकि उसके खौफ के कारण तमाम लोग उसके खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे।

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