नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुर्वेद ही नहीं बल्कि विज्ञान भी ये मानता है कि व्रत रखने से शरीर को कई अलग-अलग फायदे मिलते हैं। उपवास ब्लड शुगर लेवल में सुधार करने में मदद कर सकता है। खास कर ये उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनको डायबिटीज होने का रिस्क ज्यादा होता हैं।
स्टडी यह भी कहती है कि व्रत करने से इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा भी काफी कम हो जाता है। फास्टिंग करना ब्लड प्रेशर, ट्राइग्लिसराइड्स और बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। कुछ रिसर्च में पाया गया है कि व्रत को अपनी दिनचर्या में शामिल करना हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद है। ऐसे में अपनी डाइट और लाइफस्टाइल को बदलना हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है।फास्टिंग ब्रेन फंग्शन को इम्प्रूव करने में भी मददगार हो सकती है। एक स्टडी में पाया गया है कि व्रत रखने से तंत्रिका कोशिका संश्लेषण में वृद्धि हो सकती है और न्यूरोडेजनरेटिव कंडीशन जैसे अल्जाइमर व पार्किंसन जैसी बीमारी से बचा जा सकता हैं। उपवास मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मददगार है और ये वेट और फैट को कम करने में भी अच्छी भूमिका निभाता हैं।
दरअसल व्रत में खाने-पीने की कुछ चीजों से परहेज करने से कैलोरी कम होती है, जिसके चलते वेट लॉस में मदद मिलती हैं। वर्ष 2015 की एक स्टडी के मुताबिक पूरे दिन का उपवास शरीर के वजन को 9 प्रतिशत तक कम कर सकता है और 12-24 सप्ताह में बॉडी फैट को काफी कम कर सकता है। बता दें कि व्रत-उपवास यानी फास्टिंग की परंपरा वर्षों से चलती आ रही हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग श्रद्धा और भक्ति के चलते व्रत करते भी हैं। तो कुछ लोग वेट लॉस करने के लिए भी फ़ास्ट कर लेते हैं। लेकिन व्रत के फायदे केवल यहीं तक सीमित नहीं हैं।