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क्यों सुहागन महिलाएं पहनती हैं मंगलसूत्र? जानें इसका लाभ और इसके हर रंग का महत्व

वैवाहिक जीवन का सबसे बड़ा प्रतीक मंगलसूत्र और सिंदूर माना जाता है। सदियों से ये रीत चली आ रही है कि शादी के बाद महिलाएं अपने गले में मंगलसूत्र पहनती है और मांग में सिंदूर लगाती है। लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं कि आखिर शादी के बाद ही महिलाएं मंगलसूत्र क्यों पहनती है, शादी से पहले क्यों नहीं पहनती? आज हम आपको इस लेख में बताएंगे मंगलसूत्र से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें और इसका महत्व क्या है?

मंगलसूत्र क्या है

 

सबसे पहले हम बात करते हैं कि मंगलसूत्र आखिर क्या होता है? दरअसल, मंगलसूत्र काले मोतियों और अन्य रंगों की माला होती है जिसे शादीशुदा महिलाएं ही अपने गले में धारण करती है। मंगलसूत्र का संबंध शुभता से भी जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि मंगलसूत्र पति की रक्षा करने के रूप में भी पहना जाता है। ये दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें मंगल का अर्थ होता है पवित्र और सूत्र का अर्थ होता है पवित्र हार जिसे ‘मंगलसूत्र’ कहा जाता है।

मंगलसूत्र की मान्यता

वहीं मंगलसूत्र की भी धार्मिक मान्यता है। वही हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र के बाद शादी के बाद महिलाएं पहनती है। मंगलसूत्र पहनने से स्त्री के सुहाग पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती। इतना ही नहीं बल्कि मंगलसूत्र शादीशुदा होने की भी एक निशानी है। बता दें, विधवा महिलाएं मंगलसूत्र नहीं पहनती। वही जब मंगलसूत्र खो जाता है या टूट जाता है तो इसे अपशगुन भी माना जाता है। इसके अलावा कहा जाता है कि मंगलसूत्र का संबंध मंगल ग्रह से भी होता है। मंगलसूत्र के अलग-अलग रंग से भी इसका अलग-अलग महत्व जुड़ा हुआ है।

हर रंग कुछ कहता है…

 

दरअसल महिलाएं अलग-अलग रंग के मंगलसूत्र पहनती है जिसका एक ख़ास महत्व भी है। दरअसल जो महिलाएं काले रंग का मंगलसूत्र पहनती है तो कहा जाता है कि इससे बुरी नजर से दूर रहते हैं। काला रंग शनिदेव का प्रतीक होता है, ऐसे में इस काले मंगलसूत्र से स्त्री का सुहाग बुरी नजर से बचता है।

 

इसके अलावा कहा जाता है कि मंगलसूत्र का पीला भाग पार्वती माता और काला भगवान शिव का प्रतीक है। पीले रंग का मंगलसूत्र भी तैयार होता है। दरअसल, पीले धागे में काले रंग के मोती पिरोए जाते हैं। इसके पीछे की मान्यता कि, पीला रंग बृहस्पति ग्रह का प्रतीक होता है जो शादी को हमेशा सफल बनाए रखता है।

मंगलसूत्र में सोने का महत्व

 

जैसा कि, मंगल सूत्र में सोने का पेंडेड होता है जिसके पीछे का भी ख़ास महत्त्व है। दरअसल, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सोना गुरू के प्रभाव में होता है। गुरू ग्रह को वैवाहिक जीवन में खुशहाली, संपत्ति एवं ज्ञान का कारक माना जाता है। वहीं शास्त्रों में कहा गया है कि सोना पहनने से शरीर शुद्ध होता है। कहते हैं कि, नहाते समय जो पानी सोने का स्पर्श करके हमारे शरीर पर गिरता है उससे पापों से मुक्ति मिलती है।

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