-वन विभाग की टीम कैलबाड़ा के जंगल से ट्रैंकुलाइज कर लाई वापस
श्योपुर, (हि.स.)। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले बाड़े में छोड़ा गया चीता “अग्नि” सोमवार को राजस्थान के जंगल में पहुंच गया था। लोकेशन मिलने के बाद कूनो से 20 लोगों की टीम बारां पहुंची। टीम ने चार घंटे में उसे ट्रैंकुलाइज किया। उसे कैलवाड़ा के जंगल ट्रैंकुलाइज कर वापस लाया गया है।
जानकारी के अनुसार, बीते सप्ताह ही नर चीता अग्नि को कूनो के खुले जंगल में छोड़ा गया था। वह तीन दिन पहले कूनो पार्क की सीमा से बाहर निकल गया था और कराहल और आवदा इलाके के जंगल में घूम रहा था। सोमवार को वह मध्य प्रदेश की सीमा को पार कर राजस्थान के कैलवाड़ा इलाके पहुंच गया।
कूनो वनमंडल के डीएफओ थिरूकुलर आर ने बताया कि अग्नि चीता को 17 दिसंबर के बाड़े से खुले जंगल में छोड़ा गया था। वह बीते शनिवार को सातवें दिन कूनो की सीमा से बाहर निकल गया और शिवपुरी के पोहरी रेंज में पहुंच गया था, लेकिन रविवार को लौटकर कूनो की सीमा में आ गया था। सीमा में आने पर ट्रैकिंग टीम ने राहत की सांस ली थी। उसकी लोकेशन कराहल के रीछी गांव के जंगल में मिली थी। यहां से 30 किलोमीटर की दूरी पर ही राजस्थान की सीमा शुरू हो जाती है। इस दौरान वह राजस्थान की तरफ बढ़ने लगा। सोमवार सुबह नौ बजे टीम को उसकी लोकेशन बारां जिले के कैलवाड़ा रेंज के जैतपुरा गांव के पास मिली। कूनो के साथ बारां जिले के डीएफओ को सूचना मिलने के बाद राजस्थान के कैलवाड़ा व किशनगंज वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। टीम ने चीते को कैलवाड़ा के जंगल ट्रैंकुलाइज किया और उसे वापस लेकर आई।