सेंचुरियन (ईएमएस)। भारतीय टीम मंगलवार को बाक्सिंग डे पर यहां मेजबान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट मैच में जीत से शुरुआत करने उतरेगी। भारतीय टीम ने आज तक दक्षिण अफ्रीका में कोई सीरीज नहीं जीती है। भारतीय टीम ने अपने इस दौरे मे यहां एकदिवसीय सीरीज जीती है जिससे उसका मनोबल बढ़ा हुआ है। उसका भी भारतीय टीम को लाभ होगा। भारतीय टीम ने अब तक साल 1992 से लेकर दक्षिण अफ्रीका में आठ सीरीज खेलीं हैं पर उसे एक में भी जीत नहीं मिली। ऐसे में रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम यहां सीरीज में जीत दर्ज कर एक अहम उपलब्धि हासिल करना चाहेगी। ये सीरीज विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का हिस्सा होने के कारण भी अहम है। इस मैच में बारिश की आशंका है और अगर ऐसा हुआ तेा तेज गेंदबाज मैच पर हावी हो जाएंगे और बल्लेबाजों के लिए खेलना कठिन हो जाएगा।
सेंचुरियन के मैदान पर पिच से तेजी और असमान उछाल मिलती है जिसमें बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा होगी। ऐसे में यहां भारतीय बल्लेबाजों को संयम से खेलना होगा। रोहित के पास ये सीरीज जीतकर दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने वाला पहला भारतीय कप्तान बनने का ये अच्छा अवसर है।
दक्षिण अफ्रीका में इससे पहले भारतीय टीम को मोहम्मद अजहरुद्दीन , सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की कप्तानी में हुए दौरों में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद राहुल द्रविड़, महेन्द्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तान में भारतीय टीम को यहां टेस्ट में तो जीत मिली पर सीरीज भारतीय टीम हार गयी। विराट कोहली सहित कुछ अनुभवी क्रिकेटरों का यह दक्षिण अफ्रीका का अंतिम दौरा हो सकता है और ऐसे में वे यहां बेहतर प्रदर्शन में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे।
वहीं दूसरी ओर टेम्बा बावुमा की कप्तानी में उतर रही मेजबान दक्षिण अफ्रीका को घरेलू मैदान का लाभ मिलेगा। उसके पास कैसिगो रबाना और लुंगी एनगिडी सहित कुछ अच्छे तेज गेंदबाज हैं जो भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल सकते हैं। भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की असली परीक्षा कैगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी, मार्को यानसन और गेराल्ड कोएत्ज़ी जैसे गेंदबाजों के सामने होगी। वहीं इसी प्रकार शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर जैसे युवा बल्लेबाजों को भी कठिन हालातों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहना होगा।
वहीं शॉर्ट पिच गेंद अय्यर की कमजोरी मानी जाती रही हैं और उन्हें इससे पार पाने के लिए विशेष प्रयास करना होगा। वहीं मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने कहा है कि यशस्वी और शुभमन अपनी शैली में बदलाव न करते हुए हालातों के अनुसार बल्लेबाजी करें। द्रविड़ ने कहा, ‘हम खिलाड़ियों को उस तरीके से खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिसमें वह सहज महसूस करते हैं पर उनको परिस्थितियों को भी ध्यान में रखना होगा। दक्षिण अफ्रीका में उन्हें एक रणनीति के तहत उतरना होगा।
भारत टीम का प्रदर्शन कप्तान रोहित शर्मा , विराट कोहली के अलावा उसपर अधारित करेगा कि टीम अनुभवी गेंदबाज मोहम्मद शमी की कमी को कैसे पूरा करती है। शमी की जगह मुकेश कुमार या प्रसिद्ध कृष्णा में से किसी एक को अवसर मिल सकता है।
वहीं मेजबान टीम के पास बावुमा, डीन एल्गर, स्टाइलिश एडेन मार्कराम, युवा टोनी डी जोरजी और कीगन पीटरसन जैसे अच्छे बल्लेबाज हैं जिनपर भारतीय गेंदबाजों को अंकुश लगाना होगा। एल्गर इस सीरीज के बाद संन्यास लेंगे। इसलिए वह इसमें अहम भूमिका निभाना चाहेंगे। इस मैच में केएल राहुल के पास ही विकेटकीपर की जिम्मेदारी रहेगी। अब देखना है कि वह टेस्ट में विकेटकीपिंग करते हुए कितने सफल रहते हैं। इस मैच में अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को शायद ही अवसर मिले क्योंकि इस पिच पर तेज गेंदबाजों को ही अधिक अवसर मिलता है।
दोनो ही टीम इस प्रकार हैं :
भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, रविंद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार, प्रसिद्ध कृष्णा, केएस भरत (विकेटकीपर), अभिमन्यु ईश्वरन (दूसरा टेस्ट)।
दक्षिण अफ्रीका : तेम्बा बावुमा (कप्तान), एडेन मार्कराम, टोनी डी ज़ोरज़ी, डीन एल्गर, कीगन पीटरसन, काइल वेरिन (विकेटकीपर), ट्रिस्टन स्टब्स (विकेटकीपर), नांद्रे बर्गर, मार्को यानसन, वियान मुल्डर, गेराल्ड कोएत्ज़ी, केशव महाराज, कैगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी, डेविड बेडिंघम।