मऊ, (हि.स.) अपने तन-मन को आस्था के सैलाब में सराबोर कर अपने अराध्य, अपने भगवान, अपने श्रीराम के प्रति सोमवार को श्रद्धालुओं का विशाल जनसमूह लम्बा काफिला के साथ, जब मऊ की सड़कों पर उमड़ा तो लगा कि मऊ अयोध्या बन गया है।
एक ऐतिहासिक भीड़, अपने श्रीराम के प्रति, एक ऐतिहासिक आस्था, सचमुच, अद्भुत नजारा था, एक बारगी तो विश्वास ही नहीं हुआ कि हिन्दुत्व का यह जनसैलाब मऊ में है। भारी संख्या में महिलाएं, पुरुष व बच्चों का यह काफिला जब शीतला माता मंदिर से पैदल अक्षत, कलश लेकर चला तो सड़क पर सिर्फ और सिर्फ भगवा ध्वज लिए युवा और जय श्रीराम के उद्घोष के साथ बेटियां, महिलाएं व पुरुष झूमते मिले।
लम्बी दूरी और मंजिल तक पहुंचने के लिए चाल भी मद्धिम-मद्धिम, लेकिन न पांव में थकान और ना ही चेहरे पर शिकन, बल्कि हर उस चेहरे पर चमक ऐसी थी कि वह अपने श्रीराम से मिलकर आ रहा है या श्रीराम से मिलने जा रहा। प्रभु के प्रति यह आस्था देख मऊ का पूरा नगर जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजायमान तो था ही जगह-जगह लोगों द्वारा श्री राम भक्तों पर बरसाया गया फूल व भक्ति गीतों पर झूमते श्रद्धालुओं का रेला भी मऊ के ज़र्रे ज़र्रे को अविस्मरणीय कर गया।
भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में आगामी 22 जनवरी को प्रतिमा स्थापना को लेकर सोमवार को मऊनाथ मंजन नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से अक्षत, पत्रक व भव्य श्रीराम मंदिर का चित्र घर-घर पहुंचाने को लेकर महिलाओं व पुरुषों का विशाल जन समूह शीतला माता मंदिर के प्रांगण में इकट्ठा हुआ। वहां पर अक्षत पूजन के उपरांत भव्य कलश शोभायात्रा सुंदर झांकी के साथ अस्तुपुरा मोड़, मिर्जाहादीपुरा, औरंगाबाद, बल्लीपुरा, आर्यसमाज, टीसीआई मोड़, संस्कृत पाठशाला, सब्जी मंडी, सदर चौक, रौजा, सिंधी कालोनी, बालनिकेतन, श्रीराम मंदिर, सहादतपुरा होते हुए जीवनराम छात्रावास के मैदान में आया और वहां पर हर टोली को उनके गांव, कस्बा व नगर के हिसाब से अक्षत, पत्रक व भगवान श्री राम का चित्र स्वयंसेवकों को सौंपा गया। यह अक्षत, पत्रक व भगवान श्री राम का चित्र एक जनवरी से पंद्रह जनवरी तक महा अभियान चलाकर स्वयंसेवक इसे लोगों के घर-घर पहुंचाएंगे।