गाजियाबाद (हि.स.)। दिल्ली से सटे गाजियाबाद महानगर को सेफ सिटी बनाने के लिए कवायद तेज हो गई है। नगर निगम ने डीपीआर स्वीकृत और निविदा आमंत्रित करने के बाद टेक्निकल बिड भी खोल दी है। ताकि कैमरा इंटीग्रेशन का कार्य जल्द से जल्द शुरू हो सके।
नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक इस बड़े प्रोजेक्ट पर खुद नजर रखे हुए हैं और अधिकारियों को लगातार दिशा निर्देश भी दे रहे हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट में 6 करोड़ 30 लख रुपये की लागत आएगी। 1500 कैमरे इंटीग्रेटेड किए जाएंगे। ताकि गाजियाबाद को सेफ सिटी बनाने के लिए चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सके।
नगर आयुक्त शासन की योजनाओं पर लगातार कार्य कर रहे हैं जिसका रिजल्ट भी धरातल पर देखने को मिल रहा है। नगर आयुक्त के निर्देश अनुसार शहर को सुरक्षित रखने के क्रम में कैमरा इंटीग्रेशन का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके लिए डीपीआर स्वीकृति के बाद निविदा भी आमंत्रित की जा चुकी है। तकनीकी बिड भी खुल गई है।
नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने बताया कि महानगर वासियों की सुरक्षा के लिए कैमरा इंटीग्रेशन का कार्य बहुत जल्द प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक ही कंट्रोल सेंटर में महानगर के सभी कैमराें को जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी के साथ सेफ लूप का कार्य भी तेजी से चल रहा है। इसमें लगभग 5200 कैमरे के लिए स्थलों को चिन्हित किया गया है। प्राइवेट प्रतिष्ठान, संस्थाओं द्वारा लगाए गए कैमरों को उसमें शामिल किया गया है। इसमें आरडब्ल्यूए पदाधिकारी की अहम भूमिका रहेगी। जिनके साथ निगम की टीम लगातार समन्वय कर कैमरों पर निगरानी रखेगी। इसके लिए वह खुद लगातार शहर के अलग-अलग आरडब्ल्यूए पदाधिकारी से संपर्क कर कार्य योजना बना रहे हैं।
मलिक ने बताया कि महिलाओं का विशेष ध्यान रखते हुए सेफ सिटी के अंतर्गत पिंक टॉयलेट योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है। निर्माण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं। इसमें प्रत्येक जोन में पिंक टॉयलेट बनाए जाएंगे। लगभग 10 पिंक टॉयलेट सेव सिटी के अंतर्गत बनाए जाएंगे। महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं भी रहेंगी।